medhavi yojana: प्रदेश सरकार ने मेधावी छात्र योजना में बड़ा बदलाव किया है। अब निजी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पर स्कॉलरशिप मिलेगी, लेकिन 5 साल ग्रामीण सेवा अनिवार्य होगा नहीं तो बड़ी रकम दंड के रूप में वसूली जाएगी। (mbbs scholarship)
medhavi yojana: सरकार ने मुख्यमंत्री मेधावी छात्र योजना (Medhavi Student Scheme) के तहत एमबीबीएस (MBBS) करने वाले छात्रों के लिए नियम में बदलाव किया है। अब जो छात्र इस योजना के तहत निजी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करेंगे, उन्हें प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में तय अधिकतम फीस तक की राशि शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में छात्रवृत्ति (mbbs scholarship) दी जाएगी। इसके अतिरिक्त जो फीस होगी, वह छात्रों को ब्याजरहित लोन के रूप में दी जाएगी। डिप्टी सीएम और हेल्थ मिनिस्टर राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद नए नियम को इसे इसी सत्र से लागू किया गया है।
कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों को 5 साल तक ग्रामीण क्षेत्र में अनिवार्य रूप से सेवा देनी होगी। ऐसा न होने पर ऋण के रूप में मिली पूरी राशि लौटानी होगी। यह 50 लाख के करीब होती है। नीट में ऑल इंडिया डेढ़ लाख के अंदर रैंक पाने वालों को ही योजना का लाभ मिलेगा। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसे वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025-26 से ही लागू किया गया है। हालांकि योजना के तहत अन्य कोर्स इंजीनियरिंग, विधि आदि की शतौ में बदलाव नहीं किया गया है। (mbbs scholarship in mp)
मेधावी विद्यार्थी छात्रवृत्ति योजना में राज्य के मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा में वित्तीय मदद दी जाती है। इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, लॉ सहित अन्य पाठ कम वाले छात्रों की फीस सरकार वहन करती है। 12वीं कक्षा में माध्यमिक शिक्षा मंडल से 75% या अधिक अंक, सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड वालों के 85% या अधिक लाने वाले पात्र होते हैं। छात्र के पिता या अभिभावक की वार्षिक आय 6 लाख से कम होनी चाहिए।
एमबीबीएस के बाद 5 साल राज्य शासन के तय ग्रामीण क्षेत्र में काम करने पर सेवा काल के अनुपात में ऋण की अतिशेष राशि कम मानी जाएगी। 2.5 वर्ष काम करने पर 50% ऋण भुगतान माना जाएगा। 5 साल तक गांवों में काम न करने पर अनुपातिक रूप से शेष ऋण की राशि सरकार को लौटानी होगी। ऐसा न होने पर कानूनी कार्रवाई होगी।