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अब ‘आदिवासी’ पर सियासत, कांग्रेस की यात्रा के खिलाफ भाजपा ने छेड़ा अभियान

चुनाव की तैयारीः ओबीसी वर्ग की राजनीतिक के बाद अब दोनों ही दल आदिवासी वर्ग को साधने में जुटे...।

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भोपाल

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Manish Geete

Sep 06, 2021

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भोपाल। मध्यप्रदेश में ओबीसी (obc reservation in mp) पर सियासत के साथ ही अब राजनीतिक दलों ने आदिवासी वर्ग (tribal politics) का मुद्दा पकड़ लिया है। इसे आने वाले उपचुनाव और 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सोमवार को आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में आदिवासी अधिकार यात्रा कर आदिवासियों के साथ हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया। इसे देख भाजपा खेमे में भी हलचल तेज हो गई है। भाजपा ने इस यात्रा को धोखा करार दिया है। जबकि सोशल मीडिया पर भी #धोखायात्रा कहकर बताया जा रहा है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर कैंपेन भी शुरू किया है।

बड़वानी में सोमवार को कमलनाथ की आदिवासी अधिकार यात्रा पहुंची और उनका जोरदार स्वागत किया गया। उन्हें आदिवासियों का पारंपरिक तीर-कमान सौंपकर स्वागत किया गया। इस यात्रा में पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन समेत बड़ी संख्या में आदिवासी नेता शामिल थे। यह यात्रा आदिवासी वर्ग के साथ प्रदेश में हो रही उत्पीड़न की घटना व दमन की घटनाओं के विरोध में निकाली जा रही है।

भाजपा ने किया हमला

भाजपा की ओर से स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कांग्रेस को ही कठघरे में खड़े करने की कोशिश की है। परमार ने कहा है कि परमार ने लिखा है कि आज कमलनाथ बताएंगे कि कांग्रेस के शासन के कारण आदिवासी 70 साल तक घास फूस के झोपड़े में ही जीवन जीता रहा। कांग्रेस से 70 साल के शासन में आदिवासियों को सिलेंडर क्यों नहीं दिया गया। कांग्रेस ने 15 माह तक आदिवासियों को गरीबी से जूझने के लिए मजबूर किया, यह एक धोखा यात्रा है।

भाजपा को यह है खतरा

आदिवासियों के बहाने कांग्रेस अभी से 2023 के चुनावों में जुट गई है। आदिवासी बाहुल क्षेत्र अलीराजपुर, धार, बड़वानी में जय युवा आदिवासी संगठन (जयस) का गढ़ बन गया है। यहां दोनों ही पार्टियां धीरे से अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। इसी सिलसिले में कांग्रेस मंदसौर-नीमच, धार, बड़वानी और खरगौन जिले में यात्रा निकाल रही है। पिछले माह कांग्रेस ने विश्व आदिवासी दिवस के मुद्दे पर छुट्टी समेत आदिवासियों को कई सुविधाएं देने का मुद्दा सदन के भीतर और बाहर उठाया था। इस दौरान प्रदर्शन भी किया गया था। इसके साथ ही कमलनाथ मानस भवन में आयोजित आदिवासियों के सम्मेलन में भी शामिल हुए थे।

आदिवासियों के नाम पर पैसा लिया

सिंधिया समर्थक नेता पंकज चतुर्वेदी ने भी सोशल मीडिया पर कहा है कि अविभाजित मध्यप्रदेश के समय कांग्रेस ने आदिवासी विकास पर दुनियाभर से फंड लिया, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने आदिवासियों के नाम पर मिले पैसों से अपने कोष भरे। आज किस मुंह से कमलनाथजी अधिकार यात्रा की बात कर रहे हो। #धोखा यात्रा नहीं चलेगी।

कांग्रेस का भी पलटवार

भाजपा नेताओं की ओर से धोखा यात्रा कैंपेन चलाने के जवाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी अपनी सरकार के कार्यकाल में हुए निर्णयों का एक वीडियो जारी किया है। इसमें आदिवासियों को बताने का प्रयास किया गया है कि 15 माह की कमलाथ सरकार ने कई वायदे निभाए। आदिवासियों को साहूकारी कर्ज से मुक्ति दिलाई गई। आदिवासी बाहिल्यु क्षेत्रों में 7 खेल परिसर और एक हजार स्कूल, सामुदायिक भवन तैयार किए गए।

ओबीसी आरक्षण पर क्रेडिट की होड़

मध्यप्रदेश में बीते कुछ दिनों से ओबीसी पर सियासत का दौर चला, अभी भी दोनों ही दल ओबीसी आरक्षण पर क्रेडिट की होड़ में लगे हुए हैं। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी आरक्षण ओबीसी के लिए लागू कर दिया था। इसके बाद कोर्ट में स्टे लग गया। इसके बाद केंद्र सरकार से लेकर भाजपा सरकार ने भी ओबीसी पर आरक्षण 27 फीसदी कर दिया गया। अब दोनों ही दल इस पर क्रेडिट के लिए मैदान में उतरे हुए हैं।