जयभान सिंह पवैया ने आगे ये भी कहा कि, कानून में ऐसा प्रावधान होना चाहिए जिसके चलते जो लोग इस तरह की किसी भी गतिविधि में लिप्त पाए जाएं, तो सजा के तौर पर उनसे उनकी संपत्ति के अधिकार भी छीन लेना चाहिए। जयभान सिंह पवैया ने स्पष्ट तौर पर कहा कि, भारत कोई धर्मशाला नहीं। उन्होंने मीडिया बातचीत के दौरान ये बात कही।
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वीडियो सामने आने के बाद उठे सवाल
बता दें कि, जयभान सिंह पवैया द्वारा ये बयान उज्जैन की घटना के बाद सामने आया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद मध्य प्रेश ही नहीं बल्कि देशभर की राजनीति गरमा गई। इस बात को लेकर सवाल खड़े होने लगे कि, क्या भारत में रहकर किसी को पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने की अनुमति दी जा सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए पूरी वीडियो की सच्चाई पर सवाल उठाते हुए इसकी जांच की मांग की थी, तो वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ाई से पैश आने की बात कह चुके हैं।
गृह मंत्री ने किया था दिग्विजय सिंह के ट्वीट का खंडन
वहीं, दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा वीडियो के गलत मायने निकालने की दलील दी गई। उन्होंने कहा कि, जिस वीडियो में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने कादावा किया जा रहा है, उसमें पाकिस्तान जिंदाबाद नहीं, बल्कि ‘काजी साहब जिंदाबाद’ कहा जा रहा है। दिग्विजय द्वारा किये गए इस ट्वीट के बाद प्रदेश की राजनीति और गरमा गई। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी दिग्विजय के दावे का खंडन करते हुए कहा कि, ‘वीडियो सही है और उसमें पाकिस्तान जिंदाबाद के ही नारे लगाए गए हैं।’
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