
बीजेपी के इस मंत्री की कुर्सी खतरे में, चुनाव लड़ने पर लग सकती है रोक
भोपाल। बैंक का 34 करोड़ नहीं चुकाने पर बीजेपी सरकार के एक मंत्री की मुश्किलें और बढ़ सकती है। बैंक ने उन्हें पहले ही विलफुल डिफाल्टर घोषित कर दिया है, वहीं उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लग सकती है।
मध्यप्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुरेंद्र पटवा के चुनाव लड़ने पर इस बार रोक लग सकती है। बैंक आफ बड़ौदा का 34 करोड़ रुपए नहीं लौटाने पर पटवा को बैंक ने विलफुल डिफाल्टर घोषित कर दिया है। वहीं जानबूझकर पैसा नहीं चुकाने का आरोप लगने के बाद उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लग सकती है।
चुनाव आयोग प्रत्याशियों से शपथ पत्र लेकर चल-अचल संपत्ति का ब्योरा, बैंक का कर्ज आदि की जानकारी लेता है। इसके अलावा चुनाव आयोग के गाइडलाइन के मुताबिक कर्जदार को चुनाव लड़ने से अयोग्य माना जाता है।
कोर्ट ने मंत्रीजी से यह कहा
बैंक आफ बड़ौदा ने मंत्री सुरेंद्र पटवा और उनके परिवार के सदस्यों के नाम से विलफुल डिफाल्टर का नोटिस दिया था। इसके खिलाफ पटवा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जस्टिस पीके जायसवाल और जस्टिस विवेक रूसिया की पीठ ने कहा कि ऋण वसूली का मामला डीआरटी में विचाराधीन है, इसलिए पटवा वहीं जाकर अपना पक्ष रखें।
बैंक आफ बड़ौदा के वकील अभिनव धनोदकर के मुताबिक पटवा आटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर सुरेंद्र पटवा ने कंपनी के नाम पर लोन ले रखा है। करीब 34 करोड़ रुपए की बकाया राशि जमा नहीं करने पर बैंक ने संपत्ति पर कब्जा करने और उनकी नीलामी के लिए नोटिस जारी किया था।
नोटिस में हैं इन लोगों के नाम
बैंक से जारी नोटिस में मंत्री सुरेंद्र पटवा, पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा की पत्नी फूलकुंवर पटवा, मोनिका पटवा, भारत पटवा और महेंद्र पटवा के नाम शामिल हैं।
पटवा के ठिकानों पर तक पहुंची बैंक
बताया गया है कि बैंक ने नोटिस जारी कर कई बार पटवा के भोपाल स्थित दो बंगलों पर और इंदौर के ठिकानों पर भी चक्कर लगाए, लेकिन नोटिस स्वीकार नहीं करने पर अखबारों में विज्ञापन देना पड़ा।
मध्यप्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुरेंद्र पटवा मध्यप्रदेश में बैंक आफ बड़ौदा की इंदौर ब्रांच ने कई नोटिस जारी करने के बाद प्रदेश के पर्यटन मंत्री और भोजपुर से विधायक सुरेंद्र पटवा को विलफुल डिफाल्टर घोषित किया जा रहा है। बैंक का मानना है कि वे पैसा चुकाने की क्षमता रखते हैं, इसके बावजूद वे जानबूझकर बैंक की रकम नहीं चुका रहे हैं। पटवा के अलावा डिफाल्टरों की सूची में पटवा आटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर्स सुरेंद्र पटवा, मोनिका पटवा, भारत पटवा, महेंद्र पटवा समेत पूर्व मुख्यमंत्री स्व. सुंदरलाल पटवा की पत्नी फूलकुंवर पटवा का भी नाम शामिल हैं।
यह है पूरा मामला
बैंक ऑफ बड़ौदा ने फरवरी माह में भी सार्वजनिक तौर पर लोगों को सूचित किया थखा कि सुरेंद्र पटवा की संपत्ति तब तक नहीं बिक सकती जब तक की बैंक को 34 करोड़ रुपए नहीं चुका दिए जाए। बैंक ने इंदौर और उज्जैन की सपंत्तियों पर प्रवर्तन अधिनियम 2002 की धारा 13 (12) सपठित नियम 9 के अंतर्गत ऋण लेने वालों से सूचना प्राप्त की तारीख से 60 दिन का समय दिया था, जिसमें लोन चुकाना था। लेकिन उन्होंने अब तक नहीं चुकाया है।
बैंक ने सांकेतिक आधिपत्य अधिनियम की धारा 13 (4) सपठित नियम के अनुसार लोगों को सतर्क कर रखा है कि वे सुरेंद्र पटवा, मोनिका पटवा, भरत पटवा, महेंद्र पटवा, फूलकुंवर बाई पटवा के नाम की संपत्ति बैंक के पास गिरवी है इसे अभी बेचा नहीं जा सकता है।
10 लाख का चेक बाउंस, हो सकती है सजा
इससे पहले फरवरी 2018 में भी मंत्री सुरेंद्र पटवा पर केस दर्ज हो चुका है। उनके खिलाफ धारा 138 के तहत प्रकरण दर्ज हुआ था। पटवा पर 10 लाख रुपए का चेक बाउंस हो गया था। इंदौर के हरीश ट्रेडर्स ने 2015 में मंत्री सुरेंद्र पटवा को ब्याज पर 10 लाख रुपए दिए थे। चेक बाउंस होने के बाद इंदौर की जिला कोर्ट ने केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।
Published on:
20 Sept 2018 03:42 pm
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