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सीएम का नाम तय, हाईकमान के पैगाम पर कल विधायक लगाएंगे मुहर

एमपी में मुख्यमंत्री चुने जाने की घड़ी पास आ गई है। सोमवार को होनेवाली बीजेपी विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में नए नेता के नाम का प्रस्ताव रखा जाएगा। मुख्यमंत्री का नाम दिल्ली से तय हो चुका है, उनके चयन की औपचारिकता ही बाकी है। सोमवार को बैठक में विधायक बीजेपी हाईकमान के पैगाम पर मुहर भर ही लगाएंगे।

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एमपी में मुख्यमंत्री चुने जाने की घड़ी पास

एमपी में मुख्यमंत्री चुने जाने की घड़ी पास आ गई है। सोमवार को होनेवाली बीजेपी विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में नए नेता के नाम का प्रस्ताव रखा जाएगा। मुख्यमंत्री का नाम दिल्ली से तय हो चुका है, उनके चयन की औपचारिकता ही बाकी है। सोमवार को बैठक में विधायक बीजेपी हाईकमान के पैगाम पर मुहर भर ही लगाएंगे।

प्रदेश के नए मुख्यमंत्री का चयन क्या बीजेपी विधायक दल की बैठक में विधायकों की रायशुमारी से होगा! राजनीतिक विश्लेषक गिरिजाशंकर इसका स्पष्ट उत्तर देते हैं— नहीं। वे बताते हैं कि हर विधानसभा चुनाव के बाद बहुमत हासिल करनेवाली पार्टी के विधायक दल की बैठक नेता यानि मुख्यमंत्री चयन के लिए बुलाई जाती है। इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक भी आते हैं और ज्यादातर मौकों पर कुछ देर की चर्चा के बाद हाईकमान द्वारा तय नाम का प्रस्ताव कोई वरिष्ठ विधायक रखता है। इसका समर्थन करते हुए विधायकों की सर्वसम्मति से यह नाम चुन लिया जाता है।

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सोमवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक में भी कुछ ऐसा ही होगा। हाईकमान द्वारा तय किए गए नाम पर विधायकों की सर्वसम्मति की मुहर लग जाएगी। एमपी में विधायक दल की बैठक में नेता के लिए रायशुमारी या मतदान की स्थिति कभी कभार ही बनी है।

1980 में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में ऐसा हुआ था। तब नेता प्रतिपक्ष अर्जुनसिंह और प्रदेशाध्यक्ष शिवभानुसिंह सोलंकी के बीच विधायकों में मतदान हुआ था। हालांकि फैसला हाईकमान का माना गया।

अंतिम बार ऐसी स्थिति 1993 में बनी थी जब नेता प्रतिपक्ष श्यामाचरण शुक्ल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिग्विजयसिंह के बीच कांग्रेस विधायक दल में मतदान हुआ था। तब बहुमत के आधार पर दिग्विजयसिंह नेता चुने गए थे। यह दुर्लभ अवसर था जब नेता चयन में हाईकमान ने किसी वीटो का इस्तेमाल नहीं किया था।

सोमवार को क्या होगा...
बीजेपी विधायक दल की सोमवार को होनेवाली बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में नए नेता के रूप में उस नाम का प्रस्ताव रखा जाएगा जिसे हाईकमान ने तय किया है। यह नाम यदि शिवराजसिंह का है तो उनके नाम का प्रस्ताव कोई वरिष्ठ विधायक करेगा। यदि कोई अन्य नाम हुआ तो उस नाम का प्रस्ताव निवर्तमान मुख्यमंत्री के रूप में शिवराजसिंह करेंगे।

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शिवराज की राम—राम
शनिवार को दिनभर सीएम शिवराजसिंह चौहान की राम—राम की चर्चा रही। उन्होंने सुबह अपने एक्स एकाउंट पर फोटो पोस्ट कर लिखा—सभी को राम—राम। राजनैतिक पंडित इसके अलग अलग मायने निकालते रहे। इधर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा बोले— राम में क्या बुराई है, हम सभी राम—राम करते हैं।

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