
भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एमबीबीएस सेकंड प्रोफेशन की परीक्षा के मूल्यांकन पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। हाल ही में विश्वविद्यालय ने यह परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों का रीवेल्यूएशन का रिजल्ट जारी किया है।
इसके बाद इस रिजल्ट में 41 प्रतिशत बदलाव होने की बात सामने आ रही है। दरअसल, 39 उम्मीदवारों मे से 16 के रिजल्ट में बदलाव हुआ है। इस बात को लेकर एनएसयूआई ने मूल्यांकन में गड़बड़ी होने के आरोप लगाए हैं और जांच कराने की मांग की है। इनका आरोप है कि मूल्यांकन में पहली बार में लापरवाही हुई या रीवेल्युएशन में।
बीयू द्वारा जारी किए गए पहले रिजल्ट से असंतुष्ट होकर 39 विद्यार्थियों ने रीवेल्युएशन के लिए आवेदन किया था। इसमें 16 उम्मीदवारों के रिजल्ट में बदलाव हुआ है। इसमें कुछ छात्रों का रिजल्ट इसलिए भी रोक लिया गया है क्योंकि उनके रिजल्ट में 20 प्रतिशत से अधिक बदलाव आया है।
इस तरह बदले रिजल्ट में उम्मीदवारों के 10 नंबर से अधिक अंक तक बढ़े हैं। यह रिजल्ट आने के बाद कई पास भी हो गए हैं।
एसटीएफ से करा लें जांच : रजिस्ट्रार
इस मामले में रजिस्ट्रार डॉ. यूएन शुक्ल का कहना है कि रिजल्ट पूरी पारदर्शिता के साथ जारी किए गए हैं। यदि कोई चाहे तो एसटीएफ व सीबीआई से भी जांच करा सकता है। उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन अधिकारी नहीं, सब्जेक्ट एक्सपर्ट करते हैं। जिनके रिजल्ट रोके गए हैं उनका मूल्यांकन फिर से कराया जाएगा। अन्य आरोपों को लेकर मेरे पास कोई शिकायत नहीं आयी है।
एमबीबीएस की परीक्षाओं के रिजल्ट में पहले विद्यार्थियों को फेल किया जाता है इसके बाद रीवेल्युएशन में नंबर बढ़ा दिए जाते हैं। इस मुद्दे को एनएसयूआई ने कई बार उठाया है। बीयू द्वारा घोषित एमबीबीएस के रीवेल्युएशन में 41 प्रतिशत रिजल्ट बदला है। एनएसयूआई इस मामले में राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर स्वतंत्र जांच की मांग करेगी।
- आशुतोष चौकसे, जिला अध्यक्ष एनएसयूआई
रीवेल्यूएशन में विद्यार्थियों के नंबर बढ़े तो इसका मतलब है कि पहली बार में मूल्यांकन नहीं हुआ है। रीवेल्युएशन का नियम है कि दो एक्सपर्ट से उत्तरपुस्तिका की जांच कराई जाती है। इस मात्रा में बदलाव आया है तो विवि प्रशासन को नियमानुसार कार्रवाई करनी चाहिए।
-डॉ. जीएस पटेल, पूर्व डीएमई
Published on:
10 Mar 2018 06:30 am
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