31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्रदेश में बम्पर पैदावार, फिर भी किसान बेहाल

झाबुआ के किसानों को अपनी व्यथा पीएम को बताने का मौका मिलेगा। प्रदेश में बम्पर फसल होने के बावजूद किसान बेहाल हैं।

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Umesh yadav

Jun 20, 2018

kisan

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के पड़ोसी किसान ने फांसी लगाकर दी जान, सुसाइड नोट में लिखी दर्दनाक वजह

भोपाल. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार सुबह नौ बजे देश के चुनिंदा किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा करेंगे। मध्यप्रदेश से झाबुआ के किसानों को अपनी व्यथा पीएम को बताने का मौका मिलेगा। प्रदेश में बम्पर फसल होने के बावजूद किसान बेहाल हैं। औसतन 600 किसान हर साल आत्महत्या कर रहे हैं।

अन्नदाता तो हर साल गेहूं, चना, मसूर-सरसों और लहसुन का रेकॉर्ड उत्पादन कर रहा है, लेकिन सरकार पूरी उपज नहीं खरीद पा रही। अब सरकार ग्रेडिंग के जरिए खरीदी को नियंत्रित करने की कोशिश में है। प्याज और टमाटर के मामले में स्थिति बदतर है।राज्य के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा, सरकार ने 15 सालों में किसानों के लिए बहुत कुछ किया है।

अब 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य है। उधर मामले में किसान दिलीप मंडोड़ का कहना है कि फसल बीमा योजना में सात और 12 रुपए तक मुआवजा मिला है। पानी के लिए मुफ्त बिजली कनेक्शन देने का वादा किया था। अब बिल वसूलने मोटरें उठाई जा रही हैं। किसान सुमेर सिंह डामोर ने कहा सरकारी बीज भी नकली दिया जाता है।

हर साल बाजार से बीज खरीदकर दोबारा बोवनी करनी पड़ती है। ये बोवनी का वक्त है, लेकिन लोन नहीं मिला। किसान कालू सिंह भूरिया का कहना है कि मिट्टी परीक्षण कराने कहां जाएं। कौन सी फसल लें, ये सब किससे पूछें? अधिकारी गांव आते नहीं। सरकार मंडी तक की व्यवस्था नहीं कर पाई। नरवर भूरिया ने कहा, सरकार ने समर्थन मूल्य तो बता दिया, पर ये नहीं देख रहे कि इस पर फसल खरीदी जा रही है या नहीं। मजबूरी में कम दामों पर फसल बेचनी पड़ रही है।

किसानों को ये समस्याएं
खेती की लागत न निकलना। बीज-खाद की दिक्कत। मंडी-खरीदी केंद्र पर पर्याप्त इंतजाम नहीं। बल्क मैसेज के कारण भीड़ बहुत ज्यादा। बिक्री के लिए दो-दो दिन तक इंतजार की मजबूरी। फसल बिक्री के बावजूद पूरा भुगतान नहीं। मंडी में कम्प्यूटर व इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी नहीं है।