
Capacitor banks installed in 412 substations to end the problem of low voltage in MP
MP Power- एमपी में बिजली सप्लाई के दौरान पॉवर ट्रांसफार्मर्स पर प्रायः वोल्टेज में कमी आती है। इससे जहां विद्युत गुणवत्ता प्रभावित होती है वहीं उपभोक्ताओं को भी खासी परेशानी होती है। प्रदेश में यह दिक्कत अब दूर कर दी गई है। लो वोल्टेज की झंझट खत्म करने के लिए प्रदेश के सब स्टेशनों में कैपेसिटर बैंक लगा दिए गए हैं। राज्य के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) ने अपने अधिकांश एक्स्ट्रा हाईटेंशन सब स्टेशनों में कैपेसिटर बैंक लगा दिए हैं। इसके अलावा पुराने सब स्टेशनों में भी आवश्यकता अनुसार नए कैपेसिटर बैंकों की स्थापना के साथ मौजूदा क्षमता में वृद्धि भी की जा रही है।
प्रदेश में मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) के 417 सब स्टेशन हैं। इनमें से 412 सब स्टेशन में विभिन्न क्षमताओं के कैपेसिटर बैंक क्रियाशील हैं।
एमपी ट्रांसको के वर्तमान में 220 केव्ही सब स्टेशनों पर 145 केव्ही स्तर के 32 कैपेसिटर बैंक एवं 132 केव्ही सब स्टेशनों पर 36 केव्ही स्तर के 719 कैपेसिटर बैंक क्रियाशील हैं। कुल मिलाकर प्रदेश में एमपी ट्रांसको 751 कैपेसिटर बैंकों तथा 9278.5 एमव्हीएआर की संयुक्त स्थापित क्षमता के साथ उपभोक्ताओं को मानक वोल्टेज पर बिजली उपलब्ध करा रही है।
ट्रांसमिशन कंपनी ने प्रदेश में 52 ऐसे पुराने कैपेसिटर बैंकों की पहचान की है, जिनकी समयावधि पूर्ण हो चुकी है। आयु पूरी होने से अब ये अपेक्षित कैपेसिटिव लोड प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं। इन सब स्टेशनों में अधिक एमवीएआर क्षमता के कैपेसिटर बैंकों की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसके लिए कंपनी कैपेसिटर बैंकों का प्रतिस्थापन एवं क्षमता वृद्धि कर रही है। इससे एमपी ट्रांसकों के सभी सब स्टेशनों से गुणवत्ता पूर्ण और मानक वोल्टेज में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
एक्स्ट्रा हाई टेंशन सब स्टेशनों से बिजली आपूर्ति के दौरान पॉवर ट्रांसफार्मर्स पर प्रायः इंडक्टिव लोड होता है, जिससे वोल्टेज में कमी आती है और विद्युत गुणवत्ता प्रभावित होती है। सिंचाई मोटरें एवं घरेलू उपकरणों के कारण लो वोल्टेज की इस समस्या के समाधान के लिए कैपेसिटर बैंक लगाए जाते हैं। ये कैपेसिटिव लोड के माध्यम से उस इंडक्टिव प्रभाव को संतुलित कर देते हैं। इसके परिणामस्वरूप पॉवर फैक्टर में सुधार होता है और उपभोक्ताओं को मानक वोल्टेज पर बिजली आपूर्ति होती है।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने एमपी ट्रांसको के इस अभियान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को मानक वोल्टेज की गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
Updated on:
14 Sept 2025 08:42 pm
Published on:
14 Sept 2025 08:40 pm
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