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बढ़ रहे हैं अल्जाइमर रोग के मामले, जानिए क्या है ये बीमारी

Alzheimer Disease: हाल ही में रिलीज हुई फिल्म सैयारा ने खींचा एमपी के डॉक्टर्स का ध्यान, बोले वाणी बत्रा जैसे एमपी में कई केस, लगातार बढ़ रहा आंकड़ा, 70-80 की उम्र में होने वाली गंभीर दिमागी बीमारी अब 50-60 की उम्र में, रिपोर्ट ने चौंकाया, एमपी की कुल आबादी में 6.7 फीसदी इसके शिकार, आप भी जानें क्या है ये गंभीर बीमारी, एक्सपर्ट्स से जानें कैसे करें बचाव...

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Alzheimer Disease

Alzheimer Disease (फोटो सोर्स : पत्रिका)

Alzheimer Disease: हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'सैयारा' इस समय खूब सुर्खियां बटोर रही है। फिल्म ने लोगों को अपना दिवाना बना लिया है। रोमांटिक लव स्टोरी वाली इस फिल्म(Saiyaara) ने लोगों का ध्यान एक ऐसी बीमारी की ओर केंद्रित किया है, जिसके मध्यप्रदेश सहित दुनियाभर में लाखों मरीज हैं। अभिनेत्री अनीता पड्डा ने 'सैयारा' में वाणी बत्रा का किरदार निभाया है। इसमें उन्हें अल्जाइमर रोग से पीड़ित दिखाया गया है, जो कि एक अर्ली-ऑनसेट अल्जाइमर था। आमतौर पर अल्जाइमर बीमारी 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों में देखने को मिलती है, लेकिन तनाव और डिप्रेशन की वजह से अब कम उम्र के लोग इसका शिकार हो रहे है।

मध्य प्रदेश में अल्जाइमर की स्थिति

मध्य प्रदेश में अल्जाइमर पेशेंट्स के आंकड़े हैरान करने वाले हैं। अल्जाइमर एसोसिएशन की पिछले साल की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में 60 साल से अधिक आयु की कुल आबादी में 6.7 फीसदी बुजुर्ग अल्जाइमर की चपेट में हैं। जबकि देश में यह आंकड़ा 7.4 फीसदी है। 60 से अधिक आयु की 9 फीसदी महिलाएं और 5.77 फीसदी पुरुष इससे प्रभावित हैं।

क्या कहते हैं डॉक्टर्स

चिकित्सकों का कहना है कि बीते दो-तीन वर्षों में 50 की आयु में भी लोग अल्जाइमर और डिमेंशिया के शिकार होते देखे गए हैं। अल्जाइमर दिमागी बीमारी है, जो व्यक्ति के दिमाग को कमजोर कर मेमोरी पर असर डालती है। पहले ये बीमारी 70-80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों में देखने में मिलती थी, लेकिन तनाव और डिप्रेशन की वजह से अब कम उम्र के लोगों को भी शिकार बना रही है। 30 मिनट की मॉर्निंग वॉक बढ़ती उम्र में अल्जाइमर जैसी बीमारियों से बचने में भी मदद करती है। इसके साथ ही सोने और जागने का ध्यान रखना भी जरूरी होता है।

कम होने लगती है सोचने और याद रखने की क्षमता

जीआर मेडिकल कॉलेज के मेडिसन विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ.अजय पाल के मुताबिक, अल्जाइमर रोग में मस्तिष्क नेटवर्क डिस्कनेक्ट हो जाते हैं। इससे सोचने और याद रखने की क्षमता कम होती चली जाती है। सुबह वॉक से रूटीन बनता है। पहले 70 से 80 वर्ष के लोगों में अल्जाइमर की बीमारी देखी जाती थी, लेकिन अब युवा वर्ग में भी देखने को मिल रही है। इससे बचाव के लिए दिनचर्या नियमित होने के साथ पजल्स हल करना, न्यूज पेपर पढ़ने जैसे कार्य करना चाहिए।

इनका रखें ध्यान

● सोने और जागने के समय का विशेष ख्याल रखे।

● एक्सरसाइज नियमित रूप से करे।

● अल्कोहल के सेवन से बचे।

● कार्य की सूची बनाकर रखें।

● समस्या बढ़ने पर चिकित्सकों की सलाह लें।

● 60 से ज्यादा उम्र वाले MMES Test जरूर करवाए।