राजधानी भोपाल की आबादी वाले क्षेत्र से लगे केरवा और कलियासोत डैम के जंगलों में कई बाघों का मूवमेंट है। यहां कई बार बाघ और तेंदुआ अक्सर ही दिखाई देते हैं और शिकार भी करते हैं। आबादी वाले क्षेत्र से लगा होने के कारण यहां से गुजरने वालों को भी खतरा लगा रहा है। कई बार बाघ सड़कों पर नजर आ जाते हैं और लोग वीडियो बना लेते हैं। पिछले कुछ वर्षों में दर्जनों बार बाघ सड़कों पर घूमते हुए नजर आया है और डैम में पानी पीने आ जाता है। इसके अलावा तेंदुआ शिकार की तलाश में आबादी वाले इलाकों के भीतर तक कई बार आ चुका है।
15 फीट दूर था टाइगर
शुक्रवार का यह वीडियो बताया जा रहा है। वीडियो बनाने वाले टाइगर से महज 15 फीट दूर नजर आ रहे हैं, जो अपनी जान भी जोखिम में डाल रहे थे। वीडियो बनाने वालों की भाषा सुनकर यह लोग भोपाल के लगते हैं। यहां से गुजरने वाले लोगों के लिए यह हमेशा से ही खतरा बना रहता है। यहां पर वन विभाग ने बोर्ड भी लगा रहे हैं, उसके बावजूद भी लोग टाइगर मूवमेंट वाले इलाकों में घूमने पहुंच जाते हैं।
वन विभाग नहीं कर रहा पुष्टि
भोपाल सामान्य वन मंडल की समरधा रेंज में अक्सर बाघ का मूवमेंट रहता है। यहां के रेंजर शिवपाल पिपरदे ने कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। जबकि सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे इस वीडियो में दावा किया गया है कि कलियासोत के डैम के पास का है। वन विभाग ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है।
हमेशा सड़कों पर आ जाते हैं बाघ