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गंभीर बीमारी को बढ़ता देख CBSE ने जारी किया नया सर्कुलर, स्कूल में चैक होंगे Lunch Box

CBSE के नये सर्कुलर के तहत अब सभी स्कूलों में स्टूडेंट्स के लंच बॉक्स चैक किए जाएंगे कि वे खाने में क्या ला रहे हैं, इनके लंच बॉक्स में लाए जाने वाले फूड में कितनी चीनी है, 15 जून से लागू...

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CBSE New circular lunch box

CBSE New Circular: बच्चे टिफिन (Lunch box) में क्या ला रहे हैं? सीबीएसई स्कूलों में इसकी निगरानी होगी। खाने में चीनी के उपयोग को सीमित करने के लिए सीबीएसई (CBSE New Circular) ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं। हर स्कूल में 15 जुलाई तक अनिवार्यत: चीनी बोर्ड लगाया जाएगा। डायबिटीज के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह कदम उठाया है।

दरअसल, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सर्वे में पाया कि 4 से 10 साल की उम्र के बच्चे तय सीमा से 3 गुना अधिक चीनी का सेवन कर रहे हैं। इससे टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes) का खतरा बढ़ा है। सहोदय ग्रुप ऑफ सीबीएसई स्कूल भोपाल के अध्यक्ष चैतन्य सक्सेना ने बताया कि स्कूलों के बोर्ड में छात्रों के टिफिन (Lunch Box) और शुगर कंटेंट (Children Health Alert) नोट होंगे। साथ ही पौष्टिक खाने के बारे में अभिभावकों को भी जानकारी दी जाएगी।

चीनी बोर्ड लगेगा

स्कूलों में लगने वाले चीनी बोर्ड की निगरानी प्राचार्य-शिक्षकों के साथ विद्यार्थी (CBSE School Students)भी करेंगे। स्कूल मैनेजमेंट इसके लिए मेन्यू तैयार कर सकता है। इसमें मीठी चीजों की मात्रा तय रहेगी। बोर्ड बच्चों के टिफिन में आने वाले खाद्य पदार्थों में चीनी की उपलब्धता और नियंत्रण पर कार्य करेगा।

सर्वे में इस बात पर जोर

- 10 साल तक के बच्चों को औसतन 5 फीसदी चीनी सेवन करना चाहिए

- मीठा, चॉकलेट या जंक फूड से 15 फीसदी तक चीनी का सेवन करते हैं।

- छोटी उम्र से ही चीनी का अधिक उपयोग करने से उनमें टाइप-2 मधुमेह का खतरा तेजी से बढ़ा है।

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