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नई एजुकेशन पॉलिसी , अब स्कूलों में रेंडम चैक होगी स्टूडेंटेस की काबिलियत, जानिए कब से

पॉलिसी में जो गाइडलाइन है प्राचार्यों को उसके अनुसार ही खुद को तैयार करना होगा....

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CBSE schools

भोपाल। राजधानी समेत देशभर के सीबीएसई स्कूलों में जनवरी महीने में 'सफल' प्रोग्राम आयोजित किया जाएगा। इसके तहत स्टूडेंट्स की काबिलियत रेंडम चैक होगी। यह बात सीबीएसई नई दिल्ली के अकादमिक डायरेक्टर डा. जोसफ इम्युनल ने शनिवार को राजधानी में न्यू एजुकेशन पालिसी 2020 पर आयोजित वर्कशॉप में कही। वर्कशॉप का आयोजन सहोदया कांपलेक्स द्वारा किया गया था।

अकादमिक डायरेक्टर डा. जोसफ ने कहा कि एनईपी-2020 के तहत क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा के लिए सीबीएसई स्कूलों के टीचर की ट्रेनिंग कराई जाएगी। कार्यशाला में सीबीएसई बोर्ड के एडवाइजर केके चौधरी, भोपाल के रीजनल ऑफिसर विकास कुमार अग्रवाल, सेन्ट्रल ऑफ एक्सीलेंस राजेश गुप्ता, सहोदया भोपाल के प्रेसीडेंट फादर अथनस लकड़ा, वाइस प्रेसीडेंट पीके पाठक, सोजन जोसफ सहित प्रदेश के 114 स्कूलों के प्राचार्य मौजूद थे। इस दौरान प्राचार्यों ने अपनी समस्याएं भी दर्ज कराई।

नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत करनी होगी तगड़ी लीडरशिप

अकादमिक डायरेक्टर डा. जोसफ ने कार्यशाला में प्राचार्यों को भी सचेत किया। उन्होंने कहा कि नई एज्युकेशन पॉलिसी के तहत उन्हें तगड़ी लीडरशिप करनी होगी। इसके लिए प्राचार्यों को प्रिपरेशन ऑफ एन्युअल प्लान तैयार करना होगा। कक्षाओं में बच्चों का कंप्रेहेंसिव डेव्हलपमेंट कहां थम रहा है। प्राचार्यों को इसे देखने की जरूरत है। पॉलिसी में जो गाइडलाइन है प्राचार्यों को उसके अनुसार ही खुद को तैयार करना होगा।

भोपाल 29वें नंबर पर

ताजा रैंकिंग में भोपाल को 29वां स्थान मिला है। तीन महीने पहले जारी रैंकिंग में यह 51वें स्थान पर था। प्रदेश में खंडवा पहले स्थान पर रहा है, जबकि धार सबसे फिसड्डी रहा है। इससे पहले विभाग ने जून-जुलाई और अगस्त में संपादित किए गए कार्यों के आधार पर स्कूलों की रैंकिंग जारी की थी। खराब रैंकिंग के कारण भोपाल जिले के तीन बीआरसी और एक एपीसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। राज्य शिक्षा केंद्र (आरएसके) के संचालक धनराजू एस ने बताया कि स्कूलों को यह रैंकिंग सितंबर, अक्टूबर और नवंबर 2022 में संपादित हुए हर कार्य और उपलब्धि के आधार पर दी गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जिलों की शैक्षिक रैंकिंग प्रणाली विकसित करने के निर्देश अनुसार इसे विकसित किया गया है।