
भोपाल। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी(एनटीसीए) की बैठक सोमवार को भारतीय वन प्रबंधन संस्थान(आइआइएफएम) में आयोजित की गई। बैठक में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव, केन्द्रीय वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव सीपी गोयल, एनटीसीए, नई दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. एसपी यादव तथा अन्य एक्सपर्ट व अधिकारी मौजूद थे। बैठक को लेकर गोयल ने बताया कि किसी अन्य राज्य में चीता शिफ्टिंग की कोई योजना नहीं है। प्रोजेक्ट डॉक्यूमेंट के हिसाब से कूनो के बाद इन्हें गांधी सागर भेजा जाएगा।
कूनो में सिर्फ 21 चीतों को रखा जा सकता है
हमारे प्रोजेक्ट में ये कभी नहीं था कि चीता को सिर्फ एक ही जगह रखा जाएगा। कूनो में सिर्फ 21 चीतों को रखा जा सकता है, बफर जोन मिलाकर 36 चीतों को रखा जा सकता है। नए शावक आने के बाद इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने कहा कि मप्र नवंबर तक वहां व्यवस्था जुटाने की टारगेट रखा है, लेकिन काम की गति देखते हुए वहां पहले भी काम खत्म हो सकता है। जैसे ही वहां सुविधाएं जुटा ली जाएंगी, चीतों को शिफ्ट किया जाएगा। हमारे प्रोजेक्ट में भी यही दोनों स्थान प्राथमिकता में थे। उन्होंने कहा कि इन दोनों जगहों पर बसाहट में सफलता मिलती है तो आगे तय किया जाएगा कि चीतों को कहां शिफ्ट करना है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मुकुंदरा को लेकर कोई आदेश-निर्देश नहीं दिया है। टास्क फोर्स और स्टेयरिंग कमेटी के निर्णय के हिसाब से ही चलेंगे।
स्टेयरिंग कमेटी लेगी निर्णय
गोयल ने कहा कि चीता प्रोजेक्ट को लेकर स्टेयरिंग कमेटी ही निर्णय लेगी। कमेटी की बैठक में यह तय किया जाएगा कि वहां क्या-क्या व्यवस्था करना है। चीता सुरक्षा को लेकर गोयल ने कहा कि इसके लिए स्टाफ को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। स्टाफ की लगातार ट्रेनिंग भी चल रही है। अभी तक प्रोजेक्ट में किसी तरह की कमी सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत शावकों की मौत सामान्य है। उन्होंने कहा कि चीता ऐसा प्राणी है जो कई तरह की हैबिटाट में रह सकता है। अभी मप्र में नया टाइगर रिजर्व बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
जहर-करंट टाइगर की मौत के प्रमुख कारण
गोयल ने बाघ के शिकार को लेकर कहा कि देश में कोई भी ऐसा गैंग नहीं है जो संगठित तरीके से शिकार या तस्करी कर रहा हो। देश में जहर-करंट जैसे मामले जरूर सामने आते हैं, जिन्हें राज्य स्तर पर सख्ती से निपटा जाता है। उन्होंने कहा कि अभी रेडियो कॉलर और ट्रैंकुलाइजिंग ड्रग व अन्य तरह की ड्रग विदेशों से इंपोर्ट करना पड़ती है। अफ्रीका व अन्य देशों में भी भारत की तरह दवाइयों का प्रयोग होता है। हमारा प्रयास है कि इनका निर्माण भारत में भी हो, इससे देश का व्यापार बढ़ेगा।
चीता शावकों के सर्वाइवल रेट की शुरू से ही थी जानकारी
इधर, मुख्यमंत्री निवास में आयोजित बैठक में केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि चीता प्रोजेक्ट से अधिकारी-कर्मचारियों को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका भेजा जाएगा। नवंबर तक चीतों के लिए वैकल्पिक रहवास के तौर पर गांधी सागर अभयारण्य को भी तैयार किया जा रहा है। अभी कूनो में अनुमानित क्षमता के मुकाबले चीते कम हैं। 6 जून को कूनो राष्ट्रीय उद्यान जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लुंगा। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश चीता स्टेट है। चीता शावकों के जन्म के सर्वाइवल रेट की जानकारी दी गई थी। परियोजना की प्रगति संतोषजनक है। गांधी सागर की चीतों के लिए तैयारी चल रही है। बैठक में वन मंत्री विजय शाह ने चीता की मॉनिटरिंग में तैनात कर्मचारियों को सुरक्षा की दृष्टि से आधुनिक वाहन उपलब्ध कराएं जाएंगे।
Published on:
30 May 2023 09:28 pm
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