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9 बड़े रेलवे स्टेशनों पर किया जाएगा ‘बच्चों’ का रेस्क्यू, भेजे जाएंगे नशा मुक्ति केंद्र

-स्टेशनों के डेढ़ किमी की रेंज में बच्चों को किया जाएगा रेस्क्यू-...ताकि बेसहारा न रहें, गलत राह पर न जाएं बच्च

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Children rescued

भोपाल। प्रदेश की सड़कों पर बेसहारा बच्चों को रेस्क्यू करने का बड़ा अभियान शुरू हो गया है। जो विशेष रूप से 30 जून तक चलाया जाएगा। इसमें प्रदेश के नौ बड़े रेलवे स्टेशनों को चिह्नित किया गया है। जहां विशेष रूप से अभियान चलाकर बच्चों को रेस्क्यू किया जाएगा। इसका दायरा लगभग डेढ़ किमी रहेगा। इसके साथ ही इनके गिरोह तक भी पहुंचने की कोशिश की जाएगी। इसे लेकर संबंधित विभागों के साथ बाल आयोग की टीम ने बैठक लेकर तैयारी की है।

अमूमन रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के आसपास ऐसे बेसहारा बच्चे जो भीख मांगते, कचरा उठाते या आपत्तिनजक हालात में सबसे ज्यादा नजर आते हैं। इसलिए इस अभियान को खासतौर पर बड़े स्टेशनों के आसपास विशेष रूप से चलाया जाएगा। इसमें प्रदेश के 9 बड़े स्टेशन जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर, इटारसी, उज्जैन, रानी कमलापति, रतलाम, सतना और रीवा स्टेशन को चिह्नित किया गया है।

परिजन से मिलाया जाएगा

अभियान के दौरान पकड़े गए बच्चों को उनके मुताबिक मदद मुहैया कराई जाएगी। कोई पढ़ने योग्य है तो उसके लिए पढ़ाई और अगर कोई नशे की चपेट में है तो उसे नशा मुक्ति केंद्र और अगर कोई किसी कारणवश अपने घर-परिवार से दूर हुआ है तो उसे परिजन से जाएगा।

संबंधित विभागों को किया सक्रिय

बाल आयोग के सदस्य अनुराग पांडे के अनुसार बाल श्रम के खिलाफ हमारा ये अभियान शुरू हुआ है। इसके लिए हमने कलेक्टर सहित तमाम संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर मंथन किया है। हमारा उदेश्य है कि रेलवे स्टेशन के आसपास खासतौर पर अभियान चलाकर ऐसे बच्चों का रेस्क्यू किया जाए।