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सांस फूलना और पसीना आना होता है कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ने का संकेत, पड़ सकता है जान पर भारी

व्यक्ति का पेट बढ़ना शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का भी लक्षण होता है। अकसर लोग इस समस्या को हल्के में लेते हैं, लेकिन ये इंसानी सेहत को कितना नुकसान पहुंचा सकती है, इस बारे में हम जानते राजधानी भोपाल स्थित एक निजी अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट इंडोक्रॉनोलॉजिस्ट डॉक्‍टर अभिषेक कपूर से...।

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सांस फूलना और पसीना आना होता है कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ने का संकेत, पड़ सकता है जान पर भारी

भोपालः लंबे समय तक किसी स्थान पर बैठकर काम करने वाले लोग अकसर मोटापे का शिकार हो जाते हैं। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव उनके पेट के आसपास के हिस्से पर दिखाई देता है। हालांकि, कई लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते। लेकिन, इस समस्या से सिर्फ व्यक्ति का शारिरिक आकर्षण ही नहीं बिगड़ता, बल्कि ये सेहत को भी काफी नुकसान पहुंचाती है। व्यक्ति का पेट बढ़ना शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का भी लक्षण होता है। अकसर लोग इस समस्या को हल्के में लेते हैं, लेकिन ये इंसानी सेहत को कितना नुकसान पहुंचा सकती है, इस बारे में हम जानते राजधानी भोपाल स्थित एक निजी अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट इंडोक्रॉनोलॉजिस्ट डॉक्‍टर अभिषेक कपूर से...।

कालेस्ट्रॉल बढ़ने पर होने वाले नुकसान के बारे में जानने से पहले ये समझना ज़रूरी है कि, आखिर कोलेस्ट्रॉल ( what is Cholesterol ) है क्या? दरअसल, कोलेस्ट्रॉल एक तरह का चिपचिपा तैलीय पदार्थ होता है, जो पानी में नहीं घुल पाता। ये लिपोप्रोटीन कणों के रूप में रक्त प्रवाह के ज़रिये शरीर के सभी अंगों में पहुंच जाता है। वैसे तो कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर को लाभ पहुंचाने का काम करता है, लेकिन इसकी अधिकता शरीर को नुकसान पहुंचाने लगती है। कोलेस्ट्रॉल मानव शरीर के विकास में काफी महत्व रखता है। मसलन, हॉर्मोन्स का नियंत्रण रखना, कोशिकाओं की दीवारों और विटमिन डी का निर्माण करना। कुछ खास तरह के विटमिंस को पचाने में कारगर होता है। हालांकि, 80 फीसदी कोलेस्ट्रॉल हमारा लिवर ही शरीर की ज़रूरत के मुताबिक बना देता है और शेष 20 फीसदी कोलेस्ट्रॉल हमें भोजन से मिलता है। शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल पाए जाते हैं-एलडीएल, लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानी बैड कोलेस्ट्रॉल जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। वहीं, एचडीएल यानी हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानी गुड कोलेस्ट्रॉल, जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में कारगर होता है।

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कैसे होता है नुकसान

-ज्यादा सांस फूलने और पसीना आने के नुकसान

जैसे जैसे व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती जाती है, वैसे वैसे व्यक्ति का वज़न भी बढ़ने लगता है। ऐसे में थोड़ा चलने पर सांस फूलने और पसीना आने जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने ( How to Prevent Cholesterol Problems ) पर पलकों के ऊपरी हिस्से पर सफेद रंग के निशान दिखाई देने लगते हैं। दरअसल, ये बैड कोलेस्ट्रॉल के इकट्ठा होने से होता है। हालांकि, इससे आंखों की रोशनी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन ये आंखों के ऊपरी हिस्से पर दिखने में अच्छा नहीं लगता।

-दिल को नुकसान

जिस कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से व्यक्ति को नुकसान होने लगता है, इसका मतलब ये है कि, इंसान के रक्त में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल ( side effects of cholesterol ) बढ़ रहा है। वैसे एचडीएल ( Good cholesterol ) का बढ़ना सेहत के लिए हमेशा अच्छा माना जाता है। अगर सरल शब्दों में कहा जाए तो बैड कोलेस्ट्रॉल ( bad cholesterol ) खून में मिला हुआ फैट होता है, जो रक्तवाहिका नलियों में जमा हो जाता है। इससे रक्तवाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। ज्यादा परेशानी तब आती है जब यह हार्ट की ब्लड वेसल्स में जमा होने लगता है, इससे ब्लड ठीक तरह से पंप नहीं कर पाता। अगर समय रहते इसपर गौर ना किया जाए तो इससे हॉर्ट अटैक भी आ सकता है।

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-डॉइबिटीज़ की समस्या

पेट के आसपास चर्बी बढ़ने की समस्या से आज एक बड़ी आबादी ग्रस्त है। ये समस्या असमय भोजन करने और किसी प्रकार की मेहनत ना करने जैसे किसी एक स्थान पर बैठकर काम करने से ज्यादा होता है। इसे विसरल फैट कहा जाता है। ऐसी स्थिति में शरीर में इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में नहीं बन पाता और व्यक्ति डायबिटीज़ का शिकार हो जाता है। इसकी अधिकता से ब्रेन की कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है और स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है। इसकी अधिकता के कारण पेरिफेरल नसों में ऑक्सीजन की सप्लाई सही ढंग से नहीं हो पाती। इससे हाथ-पैरों में झनझनाहट और दर्द की समस्या होने लगती है।


कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ने की वजह

रोज़ाना के भोजन में घी-तेल और मिर्च-मसालों का अत्यधिक इस्तेमाल ( Causes of High Cholesterol ) कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की बड़ी वजह होता है। खासकर सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट और कोलेस्ट्रॉल वाली चीज़ों जैसे-नॉनवेज, मक्खन, घी-तेल का अधिक मात्रा में सेवन। मेनोपॉज़ के बाद हॉर्मोन संबंधी असंतुलन के कारण स्त्रियों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है। वज़न बढ़ने के साथ शरीर कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है। थायरॉयड, किडनी या लिवर संबंधी समस्या होने पर भी ऐसा हो सकता है। सिगरेट और एल्कोहॉल का अधिक सेवन भी इस समस्या के लिए जि़म्मेदार है। कुछ खास तरह की स्टेरॉयड दवाओं के साइड इफेक्ट भी इस समस्या को बढ़ाता है।

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खासतौर पर ये समस्या लंबे समय तक किसी एक स्थान पर बैठे रहने वाले लोगों को होती है, जो किसी तरह की मेहनत का काम नहीं करते। असमय भोजन करना और उसे पचा पाने का कोई पूर्ण इंतेजा़म ना कर पाना कोलेस्ट्रॉल बढ़ने को न्योता देता है। वहीं, मक्खन और घी-तेल का अधिक सेवन ( How to Prevent Cholesterol Problems ) भी इसे बढ़ावा देता है। जंक और सी फूड ज्यादा खाने वाले भी इस समस्या के अधिक शिकार होते हैं। एक शोध में सामने आया है कि, स्मोकिंग करने से भी से कोलेस्ट्रॉल काफी तेज़ी से बढ़ता है। सिगरेट का धुआं रक्तवाहिका नलियों की भीतरी दीवारों को संकुचित कर देता है, इससे ग्रस्त स्थान पर कोलेस्ट्रॉल जमा होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसलिए इन चीजों से परहेज़ रखना आपको कई गंभीर बीमारियों से बचा सकता है।

इस समस्या से बचे रहने के लिए हर व्यक्ति को दिनभर में कम से कम 15 मिनट व्यायाम करना चाहिए। साथ ही रात का खाना खाने के बाद थोड़ी देर टहलना चाहिए। दलिया, ओट्स और चोकरयुक्त आटे के अलावा पपीता, संतरा, अमरूद जैसे रेशेदार फलों और हरी सब्जि़यों का सेवन प्रमुखता से करना चाहिए, खासकर रात के खाने में। क्योंकि, इनमें मौज़ूद फाइबर शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने नहीं देते।