
भोपाल/ मध्यप्रदेश हनी ट्रैप मामले में जैसे-जैसे जांच की आंच बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए खुलासे हो रहे हैं। अब प्रदेश के दो बड़े पुलिस अधिकारी इस मामले को लेकर आपस में ही भिड़ गए हैं। मध्यप्रदेश एसटीएफ के डीजी पुरषोत्तम शर्मा ने तो इसके लिए आईपीएस एसोसिएशन के साथ-साथ सीएम कमलनाथ को भी चिट्ठी लिखी है।
एसटीएफ के डीजी पुरषोत्तम शर्मा ने मध्यप्रदेश के डीजीपी वीके सिंह पुलिस विभाग की छवि खराब करने का आरोप लगाया है। पुरषोत्तम शर्मा आईपीएस एसोसिएशन को इसे लेकर पत्र लिखेंगे। साथ ही राज्य सरकार को भी पत्र लिखेंगे। उनका आरोप है कि एसटीएफ के गाजियाबाद स्थित फ्लैट को हनी ट्रैप से जोड़ पुलिस विभाग की छवि बिगाड़ रहे हैं।
डीजीपी को थी जानकारी
पुरषोत्तम शर्मा ने कहा है कि एसटीएफ के लिए गाजियाबाद में जो फ्लैट लिए गए थे, उसकी जानकारी प्रदेश के डीजीपी को थी। उन्हें इस फ्लैट के बारे में सूचित कर दिया गया था। पुरषोत्तम शर्मा इसे लेकर सीएम कमलनाथ और गृहमंत्री से भी बात करेंगे।
दरअसल, मध्यप्रदेश साइबर सेल का गाजियाबाद के वीआईपी इलाके में एक फ्लैट है। मध्यप्रदेश के डीजीपी ने सवाल उठाए थे कि आखिरी सरकारी कार्य के लिए पॉश इलाके में फ्लैट किराए पर क्यों लिया गया। आरोप है कि हनी ट्रैप से जुड़ी महिलाओं का भी यहां आना जाना लगा रहता था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डीजीपी ने एक सीनियर आईपीएस अधिकारी को इस मामले में बुलाकर फटकार भी लगाई। साथ ही इस फ्लैट को खाली भी करवा दिया गया है।
कइयों के मिले हैं वीडियो
इस मामले में अब एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को एसआईटी चीफ संजीव शमी ने सीएम कमलनाथ से मिलकर इस मामले में अब तक जो जांच हुई, उसके उन्हें अवगत करवाया है। सीएम को बताया कि इसमें नेताओं और बड़े अधिकारियों के शामिल होने के प्रमाण मिल रहे हैं। उन्हें मंत्रालय के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के नाम भी बताए। सीएम ने कहा कि किसी को नहीं बख्शा जाए।
आईपीएस ने बनवाई थी कंपनी
एसआईटी जांच में यह तथ्य आया है कि पुलिस मुख्यालय में पदस्थ एक वरिष्ठ आईपीएस ने श्वेता विजय जैन और आरती दयाल के नाम पर इसी 26 जुलाई को मिंगो टेक्नोलॉजी रजिस्टर्ड कराई थी। आरती डायरेक्टकर और श्वेता एमडी थी। इस अधिकारी को साइबर में पकड़ है। प्रोफाइल में कंपनी का काम कंप्यूटर से संबंधित बताया है। इसकी पूंजी 10 लाख रुपये बताई गई है। श्वेता विजय ने 19 जनवरी को दीप्थीमंथम इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड बनाई थी। इसमें रियल एस्टेट का कारोबार दिखाया गया है।
Updated on:
27 Sept 2019 03:55 pm
Published on:
27 Sept 2019 03:40 pm
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