
प्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार के मंत्रिमंडल गठन के दूसरे ही दिन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने रिपोर्ट कार्ड जारी किया। एडीआर और मप्र इलेक्शन वॉच संगठन ने विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान प्रत्याशियों के रूप में घोषित वित्तीय, आपराधिक, शिक्षा समेत अन्य विवरणों को आधार बनाया है। इसमें मुख्यमंत्री सहित सभी 31 मंत्रियों को शामिल किया गया है। रिपोर्ट से पता चलता है कि मंत्रियों में से 12 यानी 39% पर आपराधिक मामले हैं। इनमें से भी तीन यानी 10% पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। मंत्रियों की संपत्ति की स्थिति देखी जाए तो 30 यानी 97% करोड़पति हैं। मंत्रियों की औसत संपत्ति 18.54 करोड़ रुपए बैठती है।
मंत्री टैटवाल लखपति, बाकी सब करोड़पति
31 में से 23 मंत्री जिसमें खुद मुख्यमंत्री शामिल हैं, ने अपना बिजनेस खेती बताया है। यानी किसी ने कृषि लिखा है, तो किसी ने खुद को धरती पुत्र यानी किसान बताया है। खास बात ये है कि दूसरे नंबर पर ज्यादातर ने विधायक और सांसद के रूप में मिल रही पेंशन का भी उल्लेख कया है। वहीं कुछ मंत्रियों ने खेती के अलावा अन्य गतिविधियों को भी आय का जरिया बताया है। जैसे राजेंद्र शुक्ला पुश्तैनी आय, विश्वास सारंग ने बैंक ब्याज, रूम रेंट, विजय शाह ने वेयर हाउस और गैस एजेंसी, संपति उइके ने वेयर हाउस को भी अपनी आय का जरिया बनाया। कृष्णा गौर ने सामाजिक कार्य भी बताया है। नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कृषि के अलावा सिविल इंजीनियरिंग, प्रतिमा बागरी और प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बिजनेस को भी बताया है। एकमात्र एदल सिंह कंषाना ऐसे हैं जिन्होंने कृषि के साथ डेयरी और पशुपालन को भी अपना बिजनेस बताया है।
गंभीर आपराधिक मामलों के लिए एडीआर के मापदंड
1. पांच साल या उससे अधिक सजा वाले अपराध
2. गैर जमानती अपराध
3. चुनाव से संबंधित अपराध(धारा 171 अथवा रिश्वतखोरी)
4. सरकारी खजाने को नुकसानपहुंचाने से संबंधित अपराध
5. हमला, हत्या, अपहरण, रेप संबंधी अपराध
6. लोक प्रतिनिधत्व अधिनियम मेंउल्लेखित अपराध (धारा 8)
7. भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियमकानून के तहत अपराध
8. महिलाओं पर अत्याचार से संबंधित अपराध
इन पर गंभीर केस
- कैलाश विजयवर्गीय - इंदौर-1
- इंदर सिंह परमार, शुजालपुर
- दिलीप जायसवाल, कोतमा
31 में से 30 मंत्री करोड़पति
31 में से 30 मंत्री करोड़पति हैं। अधिकतम संपत्ति वाले मंत्री रतलाम शहर से विधायक और मंत्री चैतन्य काश्यप हैं, जिनकी संपत्ति 296.08 करोड़ है। सारंगपुर विधायक गौतम टैटवाल ही मंत्रिमंडल में ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति सबसे कम 89.64 लाख है। खास यह है कि 25 मंत्रियों ने अपनी देनदारी घोषित की है, जिसमें से काश्यप ने 20.17 करोड़ के साथ सबसे ज्यादा देनदारी घोषित है। शैक्षिक योग्यता देखें तो 08 (26 प्रतिशत) मंत्रियों ने अपनी शैक्षिक योग्यता कक्षा 8वीं से 12वीं के बीच घोषित की है, जबकि 23 यानी 74 प्रतिशत ने अपनी शिक्षा ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन बताई है।
मौजूदा मंत्रिमंडल में भले ही 7 पहली बार के विधायक हैं, जिनको मंत्री बनाया गया है, लेकिन 31 में से केवल 5 यानी 16% की उम्र 21 से 50 के बीच है। यानी ये युवा हैं। 26 यानी 84% मंत्रियों ने अपनी उम्र 51 से 70 वर्ष के बीच हैं। महिलाओं को प्रतिनिधित्व जरूर 31 में से 05 यानी 16 प्रतिशत दिया गया है।
यदि मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की बात की जाए, तो वे भी करोड़ों की चल अचल संपत्ति के मालिक हैं. उनकी चल-अचल संपत्ति पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी अधिक है.
सबसे अमीर मंत्री ने छोड़ा भत्ता
डॉक्टर मोहन यादव मंत्रिमंडल में सबसे अमीर मंत्री उज्जैन संभाग के रतलाम शहर की विधानसभा सीट से विधायक चैतन्य कश्यप है। उनके पास करोड़ों की संपत्ति है। उन्होंने विधानसभा सत्र के प्रारंभ में ही विधायक को मिलने वाले वेतन और समस्त भत्ता लेने से इंकार करते हुए उन्हें जनहित में उपयोग करने की घोषणा की है। चैतन्य कश्यप, प्रदेश की रतलाम विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं और पहले भी उन्होंने दो बार वेतन और भत्ता सरकार से नहीं लिया था।
Updated on:
27 Dec 2023 11:39 am
Published on:
27 Dec 2023 11:36 am
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