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एमपी में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण की फिर खुली राह, सीएम डॉ. मोहन यादव का बड़ा बयान

obc reservation - एमपी में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गरमा उठा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के 7 अप्रैल के फैसले के बाद कांग्रेस, राज्य की बीजेपी सरकार पर हमलावर है।

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CM Mohan Yadav statement on 27 percent reservation to OBC in MP

CM Mohan Yadav statement on 27 percent reservation to OBC in MP

OBC RESERVATION - एमपी में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गरमा उठा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के 7 अप्रैल के फैसले के बाद कांग्रेस, राज्य की बीजेपी सरकार पर हमलावर है। सुप्रीम कोर्ट ने एमपी हाईकोर्ट के फैसले को न केवल बरकरार रखा बल्कि स्पष्ट रूप से यह भी कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर कोई बाधा नहीं है। सोमवार को भी इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जहां ओबीसी महासभा ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चयनित उम्मीदवारों को नियुक्तियां नहीं दिए जाने का मामला भी उठाया। कांग्रेस और ओबीसी महासभा द्वारा राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किए जाने के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार का रुख बिल्कुल साफ है, हम हर हाल में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के पक्ष में हैं।

प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर गरमाई राजनीति के बीच सीएम डॉ. मोहन यादव के बयान से इस मुद्दे पर फिर नई राह खुली है। सीएम ने कहा है कि OBC आरक्षण को लेकर हमारी सरकार के विचार स्पष्ट हैं… हम 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' की भावना पर कार्य कर रहे हैं।

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सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के स्टेंड पर हम कायम हैं। ओबीसी आयोग की रिपोर्ट हमारे पूर्ववर्ती सरकार शिवराजसिंहजी के समय आई थी। हमारी सरकार इसका परीक्षण करेगी। इसके अलावा ओबीसी आरक्षण को लेकर जिन लोगों ने भी कोर्ट में याचिकाएं लगाई हैं, उन्हें बुलाकर सरकार बात करेगी।

आशा जताई कि इस दिशा में बहुत जल्द अच्छे परिणाम आएंगे

सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर सॉलिसिटर जनरल से चर्चा की है। इतना ही नहीं सीएम ने विश्वासपूर्वक आशा जताई कि इस दिशा में बहुत जल्द अच्छे परिणाम आएंगे।

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गौरतलब है कि सन 2019 में जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तब सीएम कमलनाथ ने राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग यानि ओबीसी का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। कांग्रेस सरकार ने इसके लिए अध्यादेश जारी किया और बाद में इसे विधानसभा से भी पारित करा दिया। हालांकि सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई जहां इस पर रोक लगा दी गई थी। तब से यह मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में चल रहा है।

जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला था

रविवार को इस मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेसाध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में बीजेपी सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है, ओबीसी वर्ग को धोखा दे रही है। ओबीसी महासभा की राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य धर्मेन्द्र कुशवाहा की उपस्थिति में जीतू पटवारी ने महाधिवक्ता प्रशांत सिंह पर इस मामले को कोर्ट में उलझाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा था कि ओबीसी आरक्षण पर किसी प्रकार की कानूनी रोक नहीं है तब भी सरकार कोर्ट का बहाना बनाकर मामले को टाल रही है। चुनाव आने पर भाजपा इसे लागू कर देती है और बाद में रोक देती है।