
तो क्या 2018 के फर्मूले से उपचुनाव में जीत दर्ज करने की तैयारी में है कांग्रेस?
भोपाल/ मध्य प्रदेश में होने जा रहे उपचुनाव को लेकर कांग्रेस एक बार फिर 2018 का फार्मूला अपनाने की तैयारी कर रही है। जिस तरह 2018 के विधानसभ चुनाव के दौरान कांग्रेस ने घोषणा पत्र की जगह वचन पत्र जारी किया था और उसी वचन पत्र के दम पर प्रदेश की सत्ता हासिल की थी। ठीक उसी तरह कांग्रेस इस बार के उपचुनाव के लिए 28 सीटों के मुद्दों को लेकर मिनी वचन पत्र घोषित करने जा रही है। यही नहीं कांग्रेस पार्टी ने हर विधानसभा सीट के जमीनी और मूलभूत मुद्दों को लेकर ये मिनी वचन पत्र तैयार किया है। हर सीट के हिसाब से मध्य प्रदेश कांग्रेस ने 28 मिनी वचन पत्रों के जरिये लोगों को लुभाने की कोशिश की है। उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद कांग्रेस की ओर से इसे जीत की रणनीति की कवायद कहा जा रहा है।
इन मुद्दों पर दिया खास फोकस
कांग्रेस पार्टी उपचुनाव में वचन गान बनाने जा रही है। पार्टी का मानना है कि, ये तरीका लोगों को वचन पत्र याद रखवाने और लुभाने में अहम साबित होगा। कांग्रेस ने विधानसभा वार वचन पत्र का तैयार किया है, जिसमें कृषि और किसान, सिंचाई, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेलकूद, पेयजल, सड़क पुल, उद्योग, रोजगार, पर्यटन, संस्कृति, प्रशासनिक से लेकर नए वचन का सारांश भी पेश किया जा रहा है। यानी दूसरे शब्दों में कहें तो कांग्रेस ने लोगों के सामने उपचुनाव से पहले अपने वादों का पिटारा खोल दिया है।
मिनी वचन पत्र में की गईं ये घोषणाएं
कांग्रेस द्वारा तैयार किये गए मिनी वचन पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ की ओर से घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली 100 रूपये बिल में देने का वादा किया है। कर्मचारियों के बकाया डीए और वेतन वृद्धि जारी करने से लेकर अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण का वादा किया है। गौशालाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की तर्ज पर गौ धन सेवा योजना शुरू करने और गौ सेवकों की सेवाएं लेने का भी वादा किया है। कोरोना संक्रमण को राजकीय आपदा घोषित करने का भी ऐलान किया है। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र का नाम 'कांग्रेस के सवा साल जनता खुशहाल' दिया है। साथ ही, कांग्रेस इस वचन पत्र में दावा भी कर रही है कि, 'आपके सपने होंगे साकार, फिर बनेगी कमलनाथ सरकार।'
वचन पत्र को गया था 2018 की जीत का क्षेय
दरअसल, साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का मास्टर स्ट्रोक वचन पत्र ही साबित हुआ था। यही कारण है, उसी फार्मूले को अपनाते हुए कांग्रेस मिनी वचन पत्र के सहारे उपचुनाव में बीजेपी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरना चाहती है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि, स्थानीय स्तर पर ये मिनी वचन पत्र कांग्रेस के लिए कितना फायदेमंद साबित होगा।
Published on:
03 Oct 2020 05:46 pm
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