
कांग्रेस का दावा- 'सरकारी घोटाले का सबसे बड़ा प्रमाण', कागजों पर बना कॉलेज जमीन पर कहां है पता नहीं
विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक आते ही मध्य प्रदेश का राजनीतिक पारा बढ़ता जा रहा है। प्रदेश का विपक्षी दल कांग्रेस सूबे की भाजपा सरकार पर जमकर हमलावर है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता के.के मिश्रा ने प्रदेश सरकार द्वारा किए गए बड़े घोटाले का दावा किया है। के.के मिश्रा के आरोप के मुताबिक, मुरैना जिले में एक कॉलेज ऐसा है, जिसका जमीन पर तो कहीं कोई पता नहीं है, जबकि कागजों पर उसमें 830 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। के.के मिश्रा ने इस संबंध में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव से कॉलेज के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने की मांग की है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने 'एमपी में का बा... के बाद अब एमपी को अजब-गजब सर्कस' बताते हुए कहा कि, सूबे के मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील में आने वाले ग्राम झुंडपुरा में साल 2011 से शिवशक्ति कॉलेज संचालित है। इस कॉलेज को ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी से मान्यता भी मिली हुई है। लेकिन, हैरानी की बात तो ये है कि, ये शिवशक्ति कॉलेज सिर्फ कागजों पर ही संचालित है। इसका जमीनी हकीकत से कोई वास्ता नहीं है। के.के मिश्रा ने प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव से सवाल किया कि, क्या वो बताने का कष्ट करेंगे कि, आखिर ये कॉलेज कहां स्थित है ?
कॉलेज का पता नहीं और 830 बच्चों को कराई जा रही पढ़ाई
अपने इसी आरोप को स्पष्ट करते हुए कांग्रेस नेता के.के मिश्रा ने कहा कि, मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के बड़े भाई और ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलसचिव डॉ. आनंद मिश्रा के कार्यकाल में ये कॉलेज शुरू हुआ था, जो आज भी फर्जी तरीके से संचालित है। के.के मिश्रा ने ये भी कहा कि, कॉलेज में नियम-कानून को धता बताते हुए पहले ही साल में बीसीए, बीए, बीएससी, बीकॉम में कुल 830 छात्रों को एडमिशन भी दे दिया गया। हालांकि, झुंडपुरा गांव के जन्म से लेकर आज तक की जमीनी हकीकत ये है कि, यहां उच्च शिक्षा की कोई व्यवस्था ही नहीं है। यहां संबद्धता के निरीक्षण, छात्रों के प्रवेश स्कॉलरशिप सब कुछ फर्जी है।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता के सवाल
उन्होंने कहा कि, अब सवाल ये उठता है कि, जमीन पर जब कुछ है ही नहीं तो जीवाजी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर 12 साल से कहां और कौन सा निरीक्षण करने जाते रहे हैं ? बाकायदा उनके निरीक्षण की रिपोर्ट भी यूनिवर्सिटी में जमा होती रही है। विश्व विद्यालय के परीक्षा प्रश्न पत्र की कॉपी, अंकसूची किस पते पर जा रही है ?
केके मिश्रा ने आगे ये भी कहा कि, वैसे कहने को तो यहां प्राचार्य के के तौर पर डॉ. अरूण कुमार मिश्रा का नाम दर्ज है, लेकिन उन्होंने कभी भी इस पद के लिए आवेदन ही नहीं किया, फिर जीवाजी विश्व विद्यालय द्वारा उनका सिलेक्शन कैसे कर लिया गया ? जीवाजी यूनिवर्सिटी के मौजूदा कुलपति प्रोफेसर अभिनाश तिवारी खुद साल 2014 में इस कॉलेज का निरीक्षण कर चुके हैं और इन्हीं प्रोफेसर तिवारी ने इस कॉलेज में साल 2018 में वनस्पति विज्ञान विषय के एक प्रोफेसर की नियुक्ति भी की थी। के. के ने कुलपति प्रोफेसर अभिनाश तिवारी से सवाल किया कि, जिनकी नियुक्ति की गई है वो सब फिलहाल कहा हैं ?
कांग्रेस नेता के.के मिश्रा ने आगे सवाल करते हुए ये भी कहा कि, क्या मध्य प्रदेश शासन का उच्च शिक्षा विभाग इस फर्जीवाडे़ की निषपक्ष जांच कराकर साल 2011 से 2023 तक इस महाविद्यालय को संबद्धता देने वाले अधिकारियों, बारह साल से सिर्फ कागजों में निरीक्षण करने वाले प्रोफेसरों और कॉलेज संचालक पर एफआईआर दर्ज करेगा ? उन्होंने कहा क्योंकि, ये 50 फीसदी नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश में 100 फीसदी भ्रष्टाचार का ज्वलंत उदाहरण है।
कार्रवाई की मांग
केके मिश्रा ने ये भी दावा किया कि, प्रदेश में ये सिर्फ एक संस्थान की बात नहीं, बल्कि ऐसे और भी कई फर्जी संस्थान चलाए जा रहे हैं, जिसकी जांच होकर इन संस्थानों से जुड़े शिक्षा माफियाओं, दलालों, अधिकारियों के गठबंधन पर सख्त और दिखाई देने वाली कार्रवाई होनी चाहिए।
Published on:
12 Sept 2023 08:25 pm
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