
डीआर सिरोठिया
मामला सहकारिता विभाग (Cooperative Department) से जुड़ा है...घूसखोरी में रंगेहाथ पकड़े गए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को बहाल कर दिया गया है। बहाली आदेश में लिखा गया है कि हमारे पास इस कैडर के दूसरे अधिकारी नहीं हैं, इस कारण पदस्थ कर रहे हैं।
बात जिला सहकारी केंद्रीय बैंक झाबुआ (Jhabua) में मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) रहे डीआर सिरोठिया का है। लोकायुक्त पुलिस ने बीते वर्ष 4 सितंबर को डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। अगले ही दिन निलंबित कर उनका मुख्यालय शीर्ष बैंक भोपाल कर दिया गया। अब 14 जनवरी को सिरोठिया ने मप्र राज्य सहकारी बैंक मर्यादित के मुख्यालय में निलंबन समाप्त करने का अनुरोध करते हुए पत्र लिखा। यह पत्र के तर्क बड़े अधिकारियों को इतने सटीक लगे कि अगले ही दिन यानी 15 जनवरी को प्रभारी प्रबंध संचालक पीएस तिवारी ने सिरोठिया को नई कुर्सी सौंप दी। उन्हें राजगढ़ जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में सीईओ बनाया गया।
आदेश में तीन अहम बातें
1. लोकायुक्त पुलिस ने अब तक कोर्ट (Court) में चालान प्रस्तुत नहीं किया है।
2. बैंक के पास इस कैडर के अधिकारियों (Officers) की अत्यंत कमी है।
3. सिरोठिया के खिलाफ विभागीय जांच व कोर्ट केस लंबित है, ऐसे में वेतन भुगतान पर फैसला बाद में करेंगे।
फसल बीमा राशि के बदले में मांगी थी घूस
झाबुआ (Jhabua) जिला सहकारी केंद्रीय बैंक (Bank) के तत्कालीन सीईओ (CEO) डीआर सिरोठिया ने बैंक की रामा शाखा के प्रबंधक वेलसिंह पलासिया से 180 किसानों की फसल बीमा की राशि जारी करने की एवज में तीन लाख रुपए की मांग की थी। इसमें से डेढ़ लाख रुपए वे पहले ले चुके थे। रिश्वत की दूसरी किश्त लेते समय लोकायुक्त पुलिस ने उन्हे धर दबोचा था।
Published on:
22 Jan 2022 12:30 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
