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सरकारी नियम के तहत 21 साल में पार्षद तो बन जाएंगे, पालिका-परिषद अध्यक्ष नहीं बनेंगे

locationभोपालPublished: Jun 23, 2022 12:38:17 pm

Submitted by:

Faiz

अध्यक्ष बनने के लिए उम्र 25 साल होना जरूरी है। जबकि, पार्षद के लिए उम्र 21 या इससे अधिक है। ऐसे में नेताजी पार्षद तो बन जाएंगे, लेकिन चाहकर भी अध्यक्ष नहीं बना सकेंगे।

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सरकारी नियम के तहत 21 साल में पार्षद तो बन जाएंगे, पालिका-परिषद अध्यक्ष नहीं बनेंगे

भोपाल. नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद नाम वापसी के आखिरी दिन पूरी तरह से नाम वापस होने के चलते अब प्रत्याशियों के नामों की तस्वीर पूरी तरह से स्पष्ट हो चुकी है। सभी प्रत्याशी अपने अपने क्षेत्रों में चुनावी बिगुल बजा चुके हैं। इसी बीच सरकार द्वारा हालही में नगरीय निकाय के नियमों में किया गया बदलाव जीतकर जाने वाले पार्षदों के लिए मुश्किल बन रहा है। दरअसल, नियमों में किए गए फैरबदल के बीच सरकार एक बड़ा बदलाव करना भूल गई। इस बार नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के अध्यक्ष का चुनाव पार्षद करेंगे। लेकिन, अध्यक्ष बनने के लिए उम्र 25 साल होना जरूरी है। जबकि, पार्षद के लिए उम्र 21 या इससे अधिक है। ऐसे में नेताजी पार्षद तो बन जाएंगे, लेकिन चाहकर भी अध्यक्ष नहीं बना सकेंगे।

 

बता दें कि, बीते 25 मई को प्रदेश सरकार निकाय चुनाव के लिए अध्यादेश लाई थी। इसके अनुसार महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष तरीके से होगा। यानी जनता सीधे महापौर के लिए वोट कर सकेगी। जबकि, पालिका और परिषद अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों को करना होगा। अध्यक्ष चुने जाने के लिए पार्षद होना जरूरी है, लेकिन उसकी उम्र कम से कम 25 साल अनिवार्य है। इससे पहले पालिका और परिषद अध्यक्ष का चुनाव भी महापौर की तरह प्रत्यक्ष प्रणाली से होता था। लिहाजा जब निकाय चुनाव का अध्यादेश लाया गया तो उसमें उम्र की व्यवस्था को बदलना भूल गए। यही बड़ी चूक परेशानी का सबब बन जाएगी।

 

कई जगह निर्विरोध पार्षद चुने जा रहे हैं, लेकिन जैसे ही अध्यक्ष की बात आएगी तो कई पार्षद सिर्फ इसलिए अध्यक्ष नहीं बन सकेंगे, क्योंकि उनकी उम्र 25 साल से कम होगी। इस बार 76 नगर पालिका अध्यक्ष और 255 नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव होना है। पंचायत और निकायों के एक साथ हो रहे चुनावों में सभी चरणों का मतदान 13 जुलाई तक को संपन्न होगा। निकायों के नतीजे 18 जुलाई को आने हैं। इसी के तहत अध्यक्ष चुने जाएंगे।

 

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जल्द नियम में बदलाव जरूरी

निकाय चुनाव के लिए राज्य सरकार को अध्यादेश लाना पड़ा था। क्योंकि, अब उम्र में बदलाव के लिए नगर पालिका निर्वाचन नियम 1961 की धारा 34 और 35 में संशोधन करना होगा। विधानसभा सत्र 25 जुलाई से है, लिहाजा अभी चुनावी प्रक्रिया को निर्बाध चलाने के लिए सरकार को फिर अध्यादेश लाना होगा।


फिर सिरे से संशोधन की जरूरत

विधानसभा के मानसून सत्र की तैयारी के दौरान जब नगर निगम और नगर पालिका निर्वाचन संशोधन अध्यादेश 2022 को सदन में पेश करने की बात आई, तब उम्र के पेंच का पता चला। अब फिर एक बार नए सिरे से संशोधन काे पूरी प्रक्रिया से गुजरना होगा।

 

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