scriptशमशान घांटों पर लगने लगा है अस्थि कलश का ढेर, बस अब इस इंतेजार में हैं मृतक के परिजन | Cremation of bone urns has started on cremation grounds | Patrika News

शमशान घांटों पर लगने लगा है अस्थि कलश का ढेर, बस अब इस इंतेजार में हैं मृतक के परिजन

locationभोपालPublished: May 23, 2020 07:44:54 am

Submitted by:

Faiz

शमशान घाटों पर लगने लगा अस्थि कलश का ढेर, लॉकडाउन खुलने के इंतेजार में मृतक के परिजन

News

शमशान घांटों पर लगने लगा है अस्थि कलश का ढेर, बस अब इस इंतेजार में हैं मृतक के परिजन

भोपाल/ कोरोना वायरस का असर जिंदा लोगों के जीवन पर तो पड़ ही रहा है। साथ ही, ये लोगों को मरने के बाद भी सुकून नहीं लेने दे रहा है। ये बात हम इस लिए कह रहे हैं कि, संक्रमण के चलते अस्थियों को भी विसर्जन का इंतजार करना पड़ रहा है। राजधानी भोपाल के विश्राम घाटों पर लॉकडाउन लगने से लेकर अब तक दर्जनों की संख्या में अस्थि कलश जमा हो गए हैं। मृतकों के परिवारों को इंतजार है कि, लॉकडाउन खत्म हो तो वो अपने खास का अस्थि विसर्जन कर सकें।

 

पढ़ें ये खास खबर- Corona Breaking : मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 6170, अब तक 272 ने गवाई जान

News

ऐसा पहली बार हो रहा है

सुभाष नगर विश्राम घाट के प्रबंधक शोभराज के मुताबिक, वो बीते काफी सालों से यहां हैं। लेकिन इससे पहले उन्होंने न ही ऐसी स्थिति देखी और न सुनी है। जब अस्थि विसर्जन के लिए परिवार को इंतजार करना पड़ा हो। अब तक कभी भी इतने अस्थि कलश यहां एक साथ नहीं रखे गए। भोपाल में सुभाष नगर, चांदबड़, भदभदा, हथाईखेड़ा, कोलार बैरागढ़, छोला सहित आठ विश्राम घाट हैं। इन सभी विश्राम घाटों पर करीब 250 अस्थि कलश पिछले 51 दिनों से रखे हुए हैं।

 

पढ़ें ये खास खबर- शादी के तीसरे दिन दुल्हन की कोरोना रिपोर्ट आई पॉजिटिव, दूल्हा समेत परिवार के 32 लोग क्वारंटीन



अब तक सिर्फ दो कलश ही हुए विसर्जित

शोभराज के मुताबिक, अकसर लोग अपने मृतक की अस्थियां गंगा में विसर्जित करने की इच्छा रखते हैं। लेकिन, लॉकडाउन के चलते फिलहाल ये संभव नहीं है। पिछले दो दिन में दो कलश नर्मदा में विसर्जन के लिए होशंगाबाद ले जाए गए, बाकी यहीं रखे हैं। एक मृतक के परिजन का कहना है कि, उनकी इच्छा थी कि, अपने मृतक की अस्थियां इलाहाबाद जाकर गंगा में विसर्जित करें। लेकिन लॉकडाउन के कारण ये संभव नहीं हो सका। फिर सोचा कि, उज्जैन की क्षिप्रा में विसर्जन कर आएं। लेकिन उज्जैन भी रेड जोन में होने के कारण वहां जाने की भी परमिशन नहीं मिली। इसलिए अब अगर परमिशन मिल गई तो होशंगाबाद जाकर नर्मदा में ही अस्थि विसर्जन कर आएंगे।

ट्रेंडिंग वीडियो