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क्रूज रेस्टोरेंट पर एनजीटी की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सुपूर्द कर दी

बड़ा तालाब में बोट क्लब की ओर से बनाए जा रहे क्रूज रेस्टोरेंट पर एनजीटी की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सुपूर्द कर दी है। इसमें क्रूज रेस्टोरेंट का काम तालाब की एफटीएल से 50 मीटर अंदर ही बताया गया।

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ये 19 हजार वर्गफीट में हो रहा है। यहां रिपोर्ट में स्पष्ट भी किया गया है कि 22 कॉलम फूटिंग यहां बना दी गई है और फिलहाल निर्माण स्थल को शेड से कवर रखा हुआ है।
अभी काम बंद है। टीम ने रिपोर्ट में अनुशंसा की है कि प्राथमिकतोर पर निर्माण के लिए जरूरी एजेंसियों से अनुमति लेना चाहिए, यानि जाहिर हो गया कि निर्माण को बिना अनुमति लिए ही शुरू किया गया था। ऐसे में निर्माण करने वाली एजेंसी और निर्माण ठेकेदार पर कार्रवाई की जाना चाहिए। गौरतलब है कि क्रूज रेस्टोरेंट के लिए तालाब के अंदर ही पीलर बनाने की योजना है। यहां नए कू्रज की आवाजाही शुरू करने की कोशिश है। इससे पहले इसके पास ही ओपन थियेटर के लिए भी दस हजार वर्गफीट में पक्का निर्माण किया गया। ये चार साल से बंद है। तालाब के अंदर इससे गंदगी बढ़ रही है।

....और यहां समिति की रिपोर्ट पर सवाल भी
- समिति ने निर्माण को वन विहार मुख्य गेट से 600 मीटर दूर बताया, हालांकि ये 100 मीटर के ही दायरे में है। अब सवाल है कि 100 मीटर दूरी के निर्माण को किस तरह 600 मीटर दूर बता दिया गया। इसकी जांच कराई जा सकती है। एनजीटी में झूठा तथ्य देने का प्रकरण भी बन सकता है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद वन विहार से एक किमी दायरे में निर्माण प्रतिबंधित है। ऐसे में ये सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना है।

निर्माण को सही साबित करने की कोशिश भी
- कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में मप्र टूरिज्म प्रमोशनल कौंसिल के इस निर्माण को सही साबित करने की कोशिश भी की है। यहां दर्ज किया गया है कि स्थल पर ग्रीन कवर एरिया अच्छा है। काटे गए पेड़ जंगली प्रजाति की थे। टोपोग्राफी में बदलाव नजर नहीं आया।

यहां दर्ज किया गया है कि स्थल पर ग्रीन कवर एरिया अच्छा है। काटे गए पेड़ जंगली प्रजाति की थे। टोपोग्राफी में बदलाव नजर नहीं आया।

...और यहां समिति की रिपोर्ट पर सवाल भी
- समिति ने निर्माण को वन विहार मुख्य गेट से 600 मीटर दूर बताया, हालांकि ये 100 मीटर के ही दायरे में है। अब सवाल है कि 100 मीटर दूरी के निर्माण को किस तरह 600 मीटर दूर बता दिया गया। इसकी जांच कराई जा सकती है। एनजीटी में झूठा तथ्य देने का प्रकरण भी बन सकता है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद वन विहार से एक किमी दायरे में निर्माण प्रतिबंधित है। ऐसे में ये सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना है।

निर्माण को सही साबित करने की कोशिश भी
- कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में मप्र टूरिज्म प्रमोशनल कौंसिल के इस निर्माण को सही साबित करने की कोशिश भी की है। यहां दर्ज किया गया है कि स्थल पर ग्रीन कवर एरिया अच्छा है। काटे गए पेड़ जंगली प्रजाति की थे। टोपोग्राफी में बदलाव नजर नहीं आया।

यहां दर्ज किया गया है कि स्थल पर ग्रीन कवर एरिया अच्छा है। काटे गए पेड़ जंगली प्रजाति की थे। टोपोग्राफी में बदलाव नजर नहीं आया।