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हैकर्स के कब्जे में ये पोर्टल, हैकर्स ने फिरौती में मांगी बिटकॉइन

नगरीय विकास के सॉफ्टवेयर पर साइबर अटैक, हैकर्स ने फिरौती में मांगी बिटकॉइन, भुगतान पर्ची संभालकर रखें नागरिक, अन्यथा हिसाब-किताब में हो सकती है गड़बड़...

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नगरीय विकास और आवास विभाग का पोर्टल तीसरे दिन भी हैकर्स के कब्जे में रहा। इससे प्रदेश के 412 निकायों में प्रॉपर्टी टैक्स, मैरिज सर्टिफिकेट, वाटर कनेक्शन, बिल भुगतान तथा ट्रेड लाइसेंस सहित तमाम अन्य ऑनलाइन सेवाएं ठप हैं। रैंसमवेयर हैकर्स ने मेल भेजकर फिरौती के रूप में बिटकॉइन मांगी है। इंडियन इमरजेंसी रिस्पांस टीम के विशेषज्ञ तथा स्टेट साइबर पुलिस इस हमले से निपटने के लिए जुटे हैं। विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने दावा किया है कि डाटा सुरक्षित है। इसके पहले स्वच्छ भारत मिशन, बैंक ऑफ बड़ौदा की कस्टमर नेटवर्क साइट हैक हो चुकी थी।

कमजोर सिस्टम

साइबर एक्सपर्ट के अनुसार अमूमन सरकारी पोर्टल विंडो ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करते हैं जो आसानी से हैक हो जाते हैं। विभाग का पोर्टल 2012 के सर्वर वर्जन पर चल रहा था। जबकि, इसे लायनेक्स कमांड आधारित नेटवर्किंग सिस्टम इस्तेमाल करना चाहिए। मप्र सरकार ने इस पोर्टल को 2010 में 20 करोड़ की लागत से एवीएम कंपनी से बनवाया था। सिक्योरिटी की जिम्मेदारी नेटलिंक कंपनी को दी गयी थी।

दुरुपयोग की आशंका इसलिए
हैकर्स ने जिस डेटा को उड़ाया है, उसमें रजिस्टर्ड ई-मेल, पता और पासवर्ड आदि के अलावा रजिस्टर्ड फोन नंबर, ट्रांसमिटेड ओटीपी इन्फॉर्मेशन, लॉगिन आइपी, व्यक्तिगत यूजर पासवर्ड और ब्राउजर फिंगरप्रिंट इन्फॉर्मेशन आदि शामिल हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार इंडोनेशिया का एक बड़ा हैकर समूह सक्रिय है, लेकिन यह पता नहीं चल पाया है कि हैकर्स पाकिस्तान, चीन, तजाकिस्तान या और कहीं से अपनी करतूत को अंजाम दे रहे हैं। हैकर्स नागरिकों के बैंक खातों तक पहुंचकर धोखाधड़ी को अंजाम देने का प्रयास करते हैं। डाटा की यह डार्क वेब पर बोली लगाते हैं। इस संबंध में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने इसी साल अप्रेल में एडवाइजरी भी जारी की थी।

भोपाल वाले न हों परेशान
साइबर अटैक का भोपाल में असर नहीं हुआ है। भोपाल छोड़कर बाकी नगरीय निकायों में ही परेशानी है, क्योंकि, भोपाल में ई-नगर पालिका सॉफ्टवेयर के स्थान पर बीएमसी ऑनलाइन वेबसाइट का उपयोग किया जाता है।

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इंडोनेशिया की गैंग सक्रिय

पुलिस सूत्रों के अनुसार इंडोनेशिया का एक बड़ा हैकर समूह सक्रिय है, लेकिन यह पता नहीं चल पाया है कि हैकर्स पाकिस्तान, चीन, तजाकिस्तान या और कहीं से अपनी करतूत को अंजाम दे रहे हैं। हैकर्स नागरिकों के बैंक खातों तक पहुंचकर धोखाधड़ी को अंजाम देने का प्रयास करते हैं। डाटा की यह डार्क वेब पर बोली लगाते हैं। इस संबंध में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने इसी साल अप्रेल में एडवाइजरी भी जारी की थी।

दुरुपयोग की आशंका इसलिएहैकर्स ने जिस डेटा को उड़ाया है, उसमें रजिस्टर्ड ई-मेल, पता और पासवर्ड आदि के अलावा रजिस्टर्ड फोन नंबर, ट्रांसमिटेड ओटीपी इन्फॉर्मेशन, लॉगिन आइपी, व्यक्तिगत यूजर पासवर्ड और ब्राउजर फिंगरप्रिंट इन्फॉर्मेशन आदि शामिल हैं।

भोपाल वालेन हों परेशान

साइबर अटैक का भोपाल में असर नहीं हुआ है। भोपाल छोड़कर बाकी नगरीय निकायों में ही परेशानी है, क्योंकि, भोपाल में ई-नगर पालिका सॉफ्टवेयर के स्थान पर बीएमसी ऑनलाइन वेबसाइट का उपयोग किया जाता है।

दावा: डाटा सुरक्षित

21 दिसंबर को ई-नगर पालिका सॉफ्टवेयर पर साइबर अटैक हुआ। इसके बाद विभाग के सभी सर्वरों तथा अन्य नेटवर्क को बंद कर दिया गया। इंडियन इमरजेंसी रिस्पांस टीम, साइबर पुलिस, विशेषज्ञ मामला सुलझाने में लगे हैं। डाटा सुरक्षित है।

- नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास

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