10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

31 अक्टूबर को जरूर कर लें दिवाली की खरीददारी, बन रहा है बड़ा शुभ योग, होगी धन-संपत्ति में बढ़ोत्तरी

31 अक्टूबर को जरूर कर लें दिवाली की खरीददारी, बन रहा है बड़ा शुभ योग, होगी धन-संपत्ति में बढ़ोत्तरी

2 min read
Google source verification
dhanteras shopping time

dhanteras shopping time

भोपाल। दिवाली का समय करीब आ गया है। वैसे तो दीपावली का त्यौहार धनतेरस के दिन से शुरू हो जाता है। इसी दिन से लोग अपने घरों में दीये जलाने शुरू कर देते हैं। शहर के ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश शर्मा बताते है कि वैसे तो दीपावली की खरीददारी धनतेरस के दिन ही की जाती है लेकिन पंडित जी बताते है कि इस बार 31 अक्टूबर को भी खरीददारी के लिए शुभ संयोग बन रहा है। इस बार धनतेरस से पहले ही बाजार में धनलक्ष्मी की वर्षा होगी। इस दिन बुध पुष्प नक्षत्र का योग बन रहा है। जो खरीददारी के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन सुबह से लेकर रात तक खरीददारी की जा सकती है।

30 साल बाद बन रहा है शुभ संयोग

पंडित जी बताते है कि पूरे तीस साल बाद ऐसा शुभ संयोग पड़ रहा है। इस शुभ संयोग का महत्व धनतेरस की तरह ही बताया जा रहा है। इस योग के आने से पहले ही बाजार में जोर शोर से तैयारियां शुरु हो गई है। इस दिन के लिए व्यापारियों ने स्टॉक मंगवाया है। पुष्य नक्षत्र को धनतेरस की तरह स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त माना जाता है। पंडित जी बताते है कि शास्त्रों में कुल 27 नक्षत्रों का वर्णन मिलता है जिसमें पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ नक्षत्र माना जाता है।

क्या है पुष्य नक्षत्र

पंडित जी बताते है कि पुष्य नक्षत्रों को सभी नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। पुराणों में पुष्य नक्षत्र के बारे में बताया गया है कि इस नक्षत्र में किए गए कार्य सर्वथा सिद्धि होते हैं और इसका लाभ जरूर मिलता है। इस शुभ संयोग में किसी भी सामान की खरीददारी करने पर सुख-समृद्धि और वैभव में इजाफा होता है।

इस समय शुरु हो रहा शुभ संयोग

पंडित जी बताते है कि पुष्य नक्षत्र की शुरुआत 30 अक्टूबर की रात को 3 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर अगले दिन बुधवार, 31 अक्टूबर की रात को 2 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस नक्षत्र में शुभ ग्रहों के प्रभाव होने के कारण इस दिन खरीददारी करने पर धन-संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है। बता दें कि यह नक्षत्र शनि की दशा को दर्शाता है। शनि स्थिरता के घोतक है, इसलिए पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्य चिर स्थायी होते हैं। पुष्य नक्षत्र का योग सभी प्रकार के दोषों को हरने वाला, शुभ फलदायी, चिर स्थायी और समृद्धिकारक माना गया है।