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धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान, हिंदुओं को गुलामी की आदत सनातन धर्म की गिनाईं कमियां

Dhirendra Shastri Controversial Statement: पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान से सामाजिक और सियासी गर्मी बढ़ी, विवादित और बड़े बयानों को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा में बागेश्वर धाम... जानें क्या-क्या बोले...

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Dhirendra shastri controversial statement: मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हाल ही में एक बयान दिया है। जिसके बाद सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई है। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि हिंदुओं को गुलामी की आदत लग गई है, उन्हें बार-बार जगाना पड़ता है। यही नहीं उन्होंने सनातन धर्म की कमियां भी गिनाईं। इन कमियों को गिनाते हुए उन्होंने बताया कि क्यों हिंदू सनातन धर्म को छोड़ धर्मांतरण कर रहे हैं। जानें और क्या बोले पंडित धीरेंद्र शास्त्री..

बता दें कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों छत्तीसगढ़ में हैं। वे यहां आयोजित अपनी धर्मसभा में और प्रेस वार्ता में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं।

हिंदुओं को गुलामी की आदत…

धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri Controversial Statement) ने सभा से पहले यहां आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि हिंदुओं को गुलामी की आदत लग गई है। उन्हें बार-बार जगाना पड़ता है। बोले इसीलिए हमने पदयात्रा करना शुरू की है। उनके इस बयान ने उनके विरोधियों और समर्थकों दोनों को ही एक्टिव कर दिया है। जहां विरोधी उनके इस बयान को विवादास्पद कह रहे रहे हैं, तो उनके समर्थकों ने इस बयान को धार्मिक जागृति का आह्वान माना है।

छत्तीसगढ़ ऐसी भूमि, जहां हमने हिंदू राष्ट्र का संकल्प लिया

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ही ऐसी भूमि है, जहां से हमने पूरे भारत को बदलने और हिंदुओं को संगठित करने का प्रण और संकल्प लिया। भारतीयों तुम मेरा साथ दो, हम तुम्हें हिंदू राष्ट्र देंगे।

7 से 16 नवंबर तक दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा

इस दौरान उन्होंने कहा कि वे 7 नवंबर से 16 नवंबर तक दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा करेंगे। इस दौरान उन्होंने इच्छा जताई कि वे जल्द ही छत्तीसगढ़ की भी पदयात्रा करेंगे।

बोले -'हिंदू विरोधियों की बंधवाएंगे ठठरी और गठरी'

छत्तीसगढ़ में पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Bageshwar Dham) ने विवादित बयान देते हुए कहा कि वे पद यात्रा करते हुए देश के कोने-कोने में जाएंगे। ऐसा कोई कोना नहीं बचेगा जहां वे नहीं जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि वे जहां-जहां जाएंगे वहां हिंदू विरोधियों की ठठरी और गठरी दोनों बनवाएंगे। या तो उनका देश निकाला करवाएंगे या फिर घर वापसी। बोले भगवान ने चाहा तो छत्तीसगढ़ जल्द ही ऐसी धरती होगी, जहां धर्मांतरण सबसे पहले बंद होगा।

धर्मांतरण मर्जी से हो तो कोई बात नहीं, लेकिन...

इस दौरान धर्मांतरण के सवाल पर धीरेंद्र शास्त्री बोले, अगर धर्मांतरण मर्जी से हो तो कोई बात नहीं। लेकिन बलात रूप से, जबरदस्ती करके, डरा-धमकाकर धर्मांतरण करवाना अपराध है, ऐसे लोगों को फांसी की सजा होना चाहिए।

धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri Controversial Statement) ने कहा कि होली पर, दुर्गा उत्सव पर, राम जुलूस पर पत्थरबाजी हिंदु विरोधियों का बड़ा षडयंत्र है, इसीलिए हम देश के कोने-कोने में जाकर हिंदुओं को जगाएंगे। हमारी सरकारों को इस मामले को लेकर और सक्रिय होना जरूरी है। धर्मांतरण के मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि इसके लिए हिंदुओं को खुद जागना भी होगा।

इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि गौरक्षक तो बहुत हैं, लेकिन गौसेवक इस देश में बहुत कम हैं। अगर इनकी संख्या बढ़ जाए तो गौ माता सड़क से घरों में पहुंच जाएंगी और सुरक्षित रहेंगी।

'हम किसी पार्टी विशेष के नहीं, हमें किसी से नहीं मतलब'

-- एमपीके छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि 'हम किसी एक पार्टी के नहीं हैं, न पोषक हैं, न ही सहयोगी, हमें किसी पार्टी से कोई मतलब नहीं है, हमें हिंदू, हिंदुत्व और हिंदुस्तान से मतलब है।'

--उन्होंने कहा कि अहिंसा धर्म है, इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन जब कोई आपको मारने आ जाए, तो बचाव करना भी आपका धर्म है। आत्मरक्षा करना न केवल अध्यात्म या पुराणों में बल्कि देश के संविधान में भी धर्म है।

-- इस दौरान वे बोले, हिंदुओं को गुलाम रहने की आदत लगी है। खासकर भारत को.. चाहे वो डच हों, बाबर हों, पुर्तगाली हों, अंग्रेज हों या ब्रिटिश सभी के गुलाम रहे हैं, क्योंकि अहिंसा हमारा परमोधर्म हैं।

सनातन धर्म की बताई कमियां, बोले ये सबसे बड़ी कमी

--सनातन धर्म में अमीर-अमीर हो रहे हैं, गरीब-गरीब हो रहे हैं। ये सबसे बड़ी कमी है।

--अमीर गरीब की मदद नहीं कर रहे हैं। ये सबसे बड़ी कमी।

-- सनातन में जातिवाद सबसे बड़ी कमी है, जातियों के नाम पर वैमनस्यता फैलाकर ऊंच-नीच का भेदभाव दिखाते हैं, लोगों को हीनता लगती है, तो वो दूसरे धर्म में सम्मान पाने चले जाते हैं।

-- बोले इसी की लड़ाई हम लोग लड़ रहे हैं, हिंदू-हिंदू सब आपस में भाई-भाई, ताकि धर्मांतरण की आवश्यकता ही न पड़े।