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डिजिटल सिग्नेचर से हुआ 3 करोड़ रुपए का घोटाला, आप भी करते समय सावधान !

Digital Signature: यदि आप डिजिटल सिग्नेचर (Digital Signature) का उपयोग करते हैं खासकर किसी सरकारी कार्यालय में हैं तो फिर थोड़ा अधिक सजग रहना होगा। अपने इस हस्ताक्षर को पीए या कंप्यूटर ऑपरेटर के भरोसे छोड़ा हुआ है तो तत्काल पासवर्ड बदल लें।

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 Digital Signature

Digital Signature

इसे लेकर थोड़ी सी भी लापरवाही आपको संकट में डाल सकती है। हाल में नगर निगम में संबल अनुग्रह राशि के करीब तीन करोड़ रुपए के घोटाले में डिजिटल सिग्नेचर की मिस हैंडलिंग का तथ्य सामने आ रहा है। इससे छह जोनल अधिकारियों व वार्ड प्रभारियों की नौकरी खतरे में है, अभी कई और भी सूची में है।

एक्सपर्ट से समझें, सतर्कता क्यों है जरूरी

डिजिटल सिग्नेचर बनाने वाली कंपनी से जुड़े राजेंद्र सोनारे का कहना है कि भारत सरकार की अथॉरिटी इसे आधार व पेन कार्ड के माध्यम से बनाती है। अंजान व्यक्ति इसका दुरुपयोग नहीं कर सकता। क्योंकि इसके लिए यूजर आइडी व पासवर्ड जरूरी है। ये संबंधित अफसर का पीए या सर्टिफिकेट बनाने वाली ऑपरेटर ही कर सकता है। उसके पास यूजर आइडी व पासवर्ड होता है और षडयंत्र पूर्वक यदि फर्जी सर्टिफिकेट जारी कर दें तो बड़ी बात नहीं है।

क्या होता है Digital Signature ?

Digital Signature इलेक्ट्रॉनिक "फिंगरप्रिंट" की तरह होते हैं। ये एक विशिष्ट प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर (ई-सिग्नेचर ) हैं जो एक तरह का विशेष कोड होता है जिसका इस्तेमाल डॉक्यूमेंट्स की ऑथन्टिसिटी जानने के लिए करते है।
डिजिटल सिग्नेचर (Digital Signature) किसी व्यक्ति के सिग्नेचर का इलेक्ट्रॉनिक रूप होता है। इसको किसी डॉक्यूमेंट की ऑथन्टिसिटी जानने के लिए कर सकते है। ये हाथ द्वारा किये गए सिग्नेचर की तुलना में ज्यादा भरोसेमंद और सुरक्षित होता है। आपको बता दे कि डिजिटल सिग्नेचर की ऑथन्टिसिटी Public key cryptography विधि पर बेस्ड रहती है। डिजिटल सिग्नेचर ई-कॉमर्स, फाइनेंसियल लेनदेन, डिस्ट्रीब्यूशन आदि चीजों में इस्तेमाल किया जाता है।

डिजिटल सिग्नेचर कैसे बनाया जाता है?

भारत में किसी भी मान्य Certificate Authority (CA) से Digital Signature Certificate हासिल किया जा सकता हैं। भारत में डिजिटल सिग्नेचर जारी करने वाली ऐसी कई अथॉरिटी हैं, जिन्हें इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के तहत भारत सरकार द्वारा लाइसेंस मिला हुआ है। डिजिटल सिग्नेचर बनवाने के लिए निश्चित चार्जेस की पेमेंट करनी पड़ती है। इसे बनवाने में एक सप्ताह तक का समय लग सकता है।


बनवाने के लिये डॉक्यूमेंट्स

-एड्रेस प्रूफ- इसमें राशन कार्ड, बिजली बिल, पानी बिल या पासपोर्ट आदि हो
-पैन कार्ड
-4 पासपोर्ट साइज फोटो