
भोपाल@दीपेश अवस्थी की रिपोर्ट...
मध्य प्रदेश की मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। यह कहना है मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह का... यहां उन्होंने यह भी बताया कि कि जनवरी तक 300000 से अधिक वोटरों के नाम हटाए जा चुके हैं।
जानकारी के अनुसार अशोकनगर और मुंगावली विधानसभा चुनाव में हजारोंं की संख्या में फर्जी मतदाताआें के नाम सामने आने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने मप्र में मतदाता सूचियों की निगरानी करना शुरू करा दिया है।
वोटर लिस्ट में बड़ी संख्या में मृत और शिफ्टेड मतदाताओं के नाम होने जैसी गड़बड़ी सामने आई है। जानकारों का मानना है कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का यह आंकड़ा चुनाव में नतीजे प्रभावित कर सकता है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह ने कहा है कि मध्य प्रदेश में अब तक 6.73 लाख मृतक मतदाताओं के नाम सूची में चिन्हित किए जा चुके हैं|
चुनाव आयोग को एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने इस संबंध में शिकायत भेजी थी,कि मतदाता सूचियों के संशोधन में गड़बड़ी की आशंका है।
शिकायत में बताया गया कि प्रदेश में मतदाता सूची में 33 लाख संदेहास्पद मतदाताओं की जानकारी सामने आने, मृत और शिफ्टेड मतदाताओं के नाम नहीं हटाने जैसी गड़बड़ियों को लेकर आंकड़ों को अंतिम रूप देने वाले मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन पर भी उंगली उठने लगी है।
वहीं शिकायत आने के बाद चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से इस संबंध में जानकारी तलब की। जिसके बाद राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के सचिव चंद्रशेखर बोरकर से मप्र स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीएसईडीसी) के एमडी पद का चार्ज ले लिया है। इसकी जिम्मेदारी नवीकरणीय विभाग के प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव को सौंप दी गई।
सचिव को हटाया...
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने मतदाता सूचियों के डाटा को अंतिम रुप देने का काम वेंडर के रूप में मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन को दे रखा है।
वहीं पिछले दिनों कोलारस और मुंगावली में कांग्रेस की शिकायत पर हुई जांच में कई मृतकों और दूसरे स्थानों पर चले गए मतदाताओं के नाम भी मतदाता सूची में मिले थे।
इसके बाद भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने दोषियों पर कार्यवाही की थी। भारत निर्वाचन आयोग को शिकायत मिली थी कि मतदाता सूची जैसे संवेदनशील कार्य में भारी गड़बड़ी है क्योंकि CM के सचिव चंद्रशेखर बोरकर ही मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन के एमडी है और यह कार्पोरेशन ही मध्यप्रदेश मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय का वेंडर है। जो कि पोटेंशियल कनफ्लिक्ट आॅफ इंटरेस्ट है।
चुनाव आयोग ने इस काम से उन्हें अलग करने के सरकार को निर्देश दिए थे, जिस पर उन्हें शनिवार देर शाम हटा दिया गया।
यहां हुई सबसे ज्यादा गड़बड़ी...
सीईओ सलीना सिंह का कहना है कि वोटर लिस्ट में बड़ी संख्या में डेथ और मिसिंग के मामलों में गड़बड़ी सामने आई है। चुनाव के पहले इसे पूरी तरह से ठीक कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में अब तक 6.73 लाख मृतक मतदाताओं के नाम सूची में चिन्हित किए गए हैं। मतदाता सूची में गड़बड़ी सबसे ज्यादा मामले सागर में 60424 मृतक मतदाता हैं। वहीं ग्वालियर में 41851 भोपाल मे 35248 इन्दौर में 31043 और भिन्ड मे 23756 मृतक मतदाता मिले हैं।
Updated on:
07 Apr 2018 05:27 pm
Published on:
07 Apr 2018 04:38 pm
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