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MP News: आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद रिफंड का इंतजार करने वालों के लिए यह काम की खबर है। आयकर का भुगतान करने वाले करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने के तुरंत बाद आयकर विभाग रिफंड की प्रक्रिया शुरू कर देता है। ई-सत्यापन के बाद रिफंड जल्दी आ जाता है। जिनका रिफंड अटकता है, उनमें कुछ तकनीकी या अधूरी जानकारी हो सकती है। इसलिए यदि रिटर्न फाइल करने के 30 दिन के भीतर ई-सत्यापन नहीं हुआ तो रिटर्न भरने की प्रक्रिया की दोबारा जांच कर लें।
आयकरदाता जिस तारीख को आइटीआर को ई-सत्यापित करता है, उसी तारीख से रिफंड प्रक्रिया शुरू हो जाती है। सामान्यत: सत्यापन की तारीख से पैसा आने में एक पखवाड़े से लेकर दो माह का समय लग सकता है।
रिटर्न फाइल करने के बाद सरकार के पास उपलब्ध जानकारी और करदाता के पूर्व के रेकॉर्ड के मिलान के उपरांत आयकर विवरणी की प्रोसेसिंग की जाती है। करदाता द्वारा फाइल की गई विवरणियों की सरकार अलग-अलग एंगल से जांच करती है। इसके बाद ही आयकर रिफंड जारी किया जाता है। - राजेश कुमार जैन, सीए एवं वरिष्ठ कर सलाहकार
-आयकर विभाग के पोर्टल (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉटइनकमटैक्स डॉटकॉमडॉटइन) पर जाकर यूजर आईडी (पैन संख्या) और पासवर्ड डालकर लॉगइन करें।
-माई एकाउंट पर क्लिक करें और रिफंड,डिमांड स्टेटस को खोंले। यहां इनकम टैक्स रिटर्न का चयन करें।
-पावती संख्या पर क्लिक करें। नया पेज खुलेगा, जहां रिटर्न फाइल से जुड़ी सारी जानकारी होगी।
-आइटीआर सही तरीके से भरें
-30 दिनों के अंदर इसे ई-प्रमाणित करें
-प्रमाणीकरण के बाद आयकर विभाग रिटर्न की जांच करता है और रिफंड की प्रक्रिया शुरू कर देता है।
-सभी विवरण सही सोने पर रिफंड करदाता के बैंक खाते में हो जाता है।
-बैंक खाते का गलत विवरण दर्ज हो
-बैंक खाते पूर्व से सत्यापित नहीं हो
-आइटीआर की स्क्रूटनी हो या करदाता पर पिछली कर की देनदारी हो
-आय की गणना में गड़बड़ी होने पर
Updated on:
05 Sept 2025 02:05 pm
Published on:
05 Sept 2025 02:03 pm
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