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कृषि उपज मंडी में थोक खरीदारी के लिए रविवार को न जाएं

भोपाल.फुटकर दुकानदारों को छोड़ दे तो शादियों के लिए सब्जी व फल लोग थोक मंडी में खरीदने रविवार को न जाएं। यहां छुट्टी के दिन फुटकर फल-सब्जियां तो मिल जाएंगी,लेकिन थोक में सामान नहीं मिलेगा।

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कृषि उपज मंडी में थोक खरीदारी के लिए रविवार को न जाएं

कृषि उपज मंडी में थोक खरीदारी के लिए रविवार को न जाएं

-छुट्टी के दिन मंडी मं नहीं होती नीलामी, फुटकर दुकानें ही खुलती है
रविवार को कृषि मंडी में थोक नीलामी नहीं होने के कारण ताजी सब्जियां थोक रेट पर नहीं मिलती है। यह व्यवस्था यूं तो कोरोना काल में लॉक डाउन के दौरान शुरू की गई थी,लेकिन आम लोगों को उसकी जानकारी नहीं है। थोक व्यापारी और फुटकर दुकानदारों को तो इसकी जानकारी है। जिसके चलते वह एक दिन पहले बाजार में फल-सब्जियां बेचने के लिए खरीदारी करते हैं। किसान भी छुट्टी के दिन उपज लेकर मंडी में नीलामी के लिए नहीं आते हैं।
वर्तमान में नव बहार सब्जी मंडी सालों से महिने की पहली तारीख को बंद रखी जाती है। थोक मंडी में करीब 100 टन फल-सब्जियां रोजाना नीलामी के लिए आती है। छुट्टी के दिन सिर्फ फुटकर किसान ही मंडी में उपज लेकर बेचने के लिए आते है।
-रविवार को अधिकांश फल-सब्जी ताजी नहीं मिलती
शहर में ठेले व हॉट में रविवार को बिकने वाली अधिकांश ताजी नहीं मिलती हैं। सुबह नीलामी नहीं होने से लोग एक दिन पहले खरीदे गए सामान को भी बेचते हैं। थोक व्यापारियों का कहना है कि पहले रोजाना ही किसान उपज लेकर आते थे,लेकिन अब मंडी में साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था लागू हो चुकी है।

पहले यह व्यवस्था नहीं थी,लेकिन मंडी प्रबंधन ने इसे कोरोना काल के बाद लॉक डाउन से उसे लागू किया था। ये सहीं है कि इसकी जानकारी आम लोगों को नहीं है। कई बार लोग छुट्टी के दिन सामान खरीदने आते है और फुटकर रेट पर ही सामान खरीदकर जाते हैं।
राजेंद्र सैनी, सचिव, थोक सब्जी विक्रेता कल्याण संघ
हमारे आने से पहले से लॉकडाउन के बाद रविवार को नीलामी की छुट्टी व्यवस्था लागू है। बाजार को व्यवस्थित करने के लिए इसे लागू किया गया था।
आरके जैन, सचिव, कृषि उपज मंडी, भोपाल