ई—टेंडर मामले में गिरफ्तार दोनों कर्मचारियों ने कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा है कि ईओडब्ल्यू जबरन नरोत्तम मिश्रा का नाम बुलवाना चाहते हैं। इतना ही नहीं, दोनों कर्मचारियों के परिजनों ने हाईकोर्ट के भीतर अपील की है, जिसमें आरोप लगाया है कि सरकार साजिशन फंसाने की कोशिश कर रही है। जांच सही तरीके से नहीं हो रही है, ऐसे में पूरे मामले की जांच सीबीआई को दी जाए। प्रदेश सरकार की जांच पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए।
नरोत्तम मिश्रा ने अपने बयान में कहा था कि यह प्रदेश सरकार की कोशिश मेरी चरित्र हत्या की है। उनके पास कोई साक्ष्य नहीं हैं, अगर हैं तो मैं चुनौती देता हूं कि मीडिया के माध्यम से सामने रखें। यूं मीडिया ट्रायल के जरिए मुझे बदनाम क्यों किया जा रहा है। मेरे कर्मचारियों के पास से बहुत कुछ बरामद होने की बातें की जा रही हैं, जबकि हकीकत यह है कि सिर्फ एक मोबाइल उनके यहां से बरामद किया गया है। इसके सिवा अगर कुछ मिला है तो सामने आकर जांच एजेंसी बताती क्यों नहीं है। यह पूरी कोशिश मेरे चरित्र को बदनाम करने की है। मैं चाहता हूं कि मामले की निष्पक्ष सीबीआई जांच हो।
ई—टेंडर की जांच तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुरू की थी। लेकिन इस घोटाले को मुद्दा कांग्रेस ने बनाया था। इस पर कांग्रेस के भीतर भी हंगामा होता रहा कि आखिर सरकार इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। लेकिन आयकर विभाग का कमलनाथ के करीबियों पर शिकंजा कसने के बाद प्रदेश सरकार ने भाजपा नेताओं पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। उसी क्रम में निशाना नरोत्तम मिश्रा को बनाया गया है।
ई—टेंडर में सरकारी एजेंसी नरोत्तम मिश्रा को आरोपी बनाने की जल्दी में नजर आ रही है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अब तक उन अफसरों से पूछताछ भी नहीं कर रही है, जिनकी सीधी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए थी। ई—टेंडर कमेटी के चेयरमेन मुख्य सचिव होते हैं, ऐसे में तत्कालीन मुख्य सचिव एंटोनी डिसा और बीपी सिंह से कोई पूछताछ नहीं हो रही है। उलटा कांग्रेस सरकार ने दोनों को रिटायर होने के बाद महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया हुआ है। तत्कालीन आईटी सचिव हरिरंजन राव से कोई पूछताछ नहीं हो रही है। इसके साथ ही ई—टेंडर करने वाले विभागों के प्रमुख सचिवों से भी पूछताछ नहीं हो रही है। जिसमें नरोत्तम मिश्रा के विभाग के राधेश्याम जुलानिया भी प्रमुख हैं। जुलानिया पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने परिचित कंपनी को ई—टेंडर के जरिए लाभ पहुंचाया है।