कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को आतंकी कहने वाले बयान पर भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की मुश्किलें बढ़ गई है। चुनाव आयोग ने तत्काल इस बयान पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर से रिपोर्ट मांग ली है। साध्वी पर पिछले दिनों ही एफआईआर दर्ज हुई है। माना जा रहा है कि चुनाव आयोग साध्वी पर बड़ी कार्रवाई कर सकता है।
गुरुवार को सीहोर दौरे पर प्रज्ञा भारती ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते दिग्विजय सिंह ने सीहोर जिले की 5 फैक्ट्रियां बंद करवा दीं। उन्होंने अपने निजी स्वार्थ के कारण यह फैक्ट्रियां बंद करवाईं हैं और अपना व्यापार बढ़ाया। हजारों लोग बेरोजगार हो गए। प्रज्ञा यही नहीं रुकीं, उन्होंने कहा कि ऐसे आतंकी को समाप्त करने के लिए ही एक संत सामने आई है। प्रज्ञा ने सीधे तौर पर दिग्विजय सिंह को आतंकी कह दिया।
इस बीच खबर है कि शहीद हेमंत करकरे के साथी रहे मुंबई पुलिस के अफसर रियाजुद्दीन देशमुख भी राजनीति में उतर आए हैं। उन्होंने प्रज्ञा के उस बयान पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है जिसमें प्रज्ञा ने कहा था कि
लोकसभा चुनाव 2019 में देश की तमाम हॉट सीट में भोपाल लोकसभा सीट भी शामिल हो गई है। इसमें कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह मैदान में है, वहीं उनके सामने भाजपा ने मालेगांव बम ब्लास्ट में आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मैदान में उतारा है। दोनों ही प्रत्याशी एक दूसरे के धुर विरोधी हैं। प्रज्ञा दिग्विजय सिंह पर मालेगांव बम ब्लास्ट में फंसाने और प्रताड़ित करने समेत भगवा को आतंक से जोड़ने का आरोप लगाती हैं। वहीं दिग्विजय सिंह प्रज्ञा को भी कथित आतंकवादी बताते हैं।
इससे पहले संत कंप्यूटर बाबा के कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार की खबरों पर साध्वी ने कहा कि लोकसभा का चुनाव उनके लिए धर्म और अधर्म की लड़ाई है। यदि कोई संत का चोला ओढ़े अधर्म के साथ खड़ा होता है, तो उससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। कंप्यूटर बाबा के चुनाव मैदान में उतरने की बात पर साध्वी प्रज्ञा ने इसे दो संतों के बीच की लड़ाई मानने से भी इनकार कर दिया और कहा कि वे उन्हें नहीं जानती।