
इस सीट पर जीत के साथ ही पूर्ण बहुमत में आ जाएगी कांग्रेस, भाजपा को लगेगा बड़ा झटका
भोपाल. महाराष्ट्र औऱ हरियाणा विधानसभा चुनावों के साथ मध्यप्रदेश की झाबुआ उपचुनाव के सीट के लिए वोटों की गणना जारी है। शुरुआती नजीतों में कांग्रेस उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया आगे चल रहे हैं। वहीं, भाजपा के उम्मीदवार भानू भूरिया से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है। झाबुआ उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। इस चुनाव में कांग्रेस ने जहां अपने 10 महीने के कार्यकाल के काम को मुद्दा बनाया है वहीं, भाजपा ने किसान कर्ज माफी के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा है। अगर शुरुआती नजीते परिणाम में बदलते हैं तो एक सीट पर जीत के साथ ही कांग्रेस की कमल नाथ सरकार पूर्ण बहुमत में आ जाएगी।
विधानसभा की मौजूदा स्थिति
2018 में मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव हुए थे। इस चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस को सबसे ज्यादा 114 सीटों पर जीत मिली थी जबकि भाजपा को 109 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं, कांग्रेस की सरकार को बसपा, सपा और निर्दलीयों के सहारे सत्ता में काबिज है।
निर्दलीय को बनाया मंत्री
कांग्रेस के 114 विधायक हैं ऐसे में मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अपने मंत्रिमंडल में एक निर्दलीय प्रदीप जायसवाल को मंत्रालय देकर अपने सीट 115 तक कर ली है। अगर कांतिलाल भूरिया इस उपचुनाव में जीत दर्ज करते हैं तो कांग्रेस के पास 116 सीटें हो जाएंगे। 230 सीटों वाली विधानसभा सीट में पूर्ण बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत है।
सीएम ने संभाला था मोर्चा
मध्यप्रदेश की झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस की तरफ से खुद सीएम कमल नाथ ने मोर्चा संभाला था। सीएम कमल नाथ ने कांतिलाल भूरिया के समर्थन में तीन सभाएं की थीं, जबकि उनक 12 मंत्री लगातार झाबुआ दौरे पर थे और कांग्रेस के लिए प्रचार कर रहे थे। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा की तरफ से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने करीब 7 दिनों तक भानू भूरिया के समर्थन में जन सभाएं की थीं। शिवराज के अलावा नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और अध्यक्ष राकेश सिंह ने मोर्चा संभाला था।
Updated on:
24 Oct 2019 11:14 am
Published on:
24 Oct 2019 11:05 am
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