11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बिजली के दाम बढ़ाने की तैयारी, आम आदमी की जेब पर बढ़ेगा इतना बोझ!

आने वाले वित्त वर्ष में आम घरों पर बिजली बिल का बोझ बढ़ाने की तैयारी कर दी गई है। इसके लिए प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों ने बिजली की दर वृद्धि का प्रस्ताव मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को सौंप दिया है।

2 min read
Google source verification
news

बिजली के दाम बढ़ाने की तैयारी, आम आदमी की जेब पर बढ़ेगा इतना बोझ!

भोपाल/ आगामी वित्त वर्ष से आम लोगों की जेब पर बिजली का झटका लग सकता है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, आने वाले वित्त वर्ष में आम घरों पर बिजली बिल का बोझ बढ़ाने की तैयारी कर दी गई है। इसके लिए प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों ने बिजली की दर वृद्धि का प्रस्ताव मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को सौंप दिया है। सबसे ज्यादा दर वृद्धि का प्रस्ताव नगरीय निकायों को दी जाने वाली बिजली के लिए दिया गया है।

पढ़ें ये खास खबर- NRC का सर्वे समझकर लोगों ने आर्थिक सर्वेक्षण टीम को भगाया, अब ऐसे शुरु होगा सर्वे


पढ़ें ये खास खबर- इंदौरी पत्नियां सबसे ज्यादा करती हैं अपने पति को परेशान


निगम और कृषि कनेक्शन पर बढ़ेगा अधिक भार!

कृषि और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए भी बिजली महंगी करने की मांग बिजली कंपनियों द्वारा की गई है। आयोग को सौंपे जाने वाले प्रस्ताव के मुताबिक, सार्वजनिक जल प्रदाय और रास्तों पर रोशनी के लिए नगर निगम और अन्य निकायों को जो बिजली मुहैय्या कराई जाती है। प्रस्ताव के मुताबिक, उस दर में अब 6.62 प्रतिशत की वृद्धि करने की मांग की गई है। लगभग इतनी ही वृद्धि कृषि कनेक्शनों की बिजली दरों के लिए की गई है।

पढ़ें ये खास खबर- IIFA Award 2020 : आयोजन पर खर्च होंगे 73 करोड़, खजाने से नहीं इस तरह रकम जुटाएगी सरकार


पढ़ें ये खास खबर- 2000 रुपये के नोट को लेकर बड़ी खबर, अब बाजार में बचे हैं सिर्फ पुराने नोट

आम आदमी र पड़ेगा इतना भार

वहीं, अगर घरेलू कनेक्शनों पर बढ़ोतरी की बात की जाए तो, इसके लिए बिजली के दाम में मौजूदा दर के मुकाबले 5.28 प्रतिशत बढ़ाने के लिए बिजली कंपनियों ने आयोग से मांग की है। आयोग ने बिजली कंपनियों की दर वृद्धि याचिका पर उपभोक्ताओं से आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं। इसके लिए 7 मार्च तक सुझाव नियामक आयोग तक भेजने की समय सीमा निर्धारित की गई है। इसके बाद आपत्तियों और सुझाव पर सुनवाई होगा, सभी मापदंडों को बेहतर ढंग से समझने के बाद दर वृद्धी पर अंतिम फैसला होगा।