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CM हाउस छोड़ा, अब बंगला नंबर-8 में रहेंगे EX CM शिवराज सिंह चौहान

CM हाउस छोड़ा, अब बंगला नंबर-8 में रहेंगे EX CM शिवराज सिंह चौहान

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भोपाल

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Manish Geete

Dec 13, 2018

CM HOUSE

CM हाउस छोड़ा, अब बंगला नंबर-8 में रहेंगे EX CM शिवराज सिंह चौहान

भोपाल। 13 साल तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने बड़े तालाब किनारे आलीशान सरकारी बंगले को छोड़ दिया है। अब वे लिंक रोड नंबर 1 स्थित 74 बंगले में रहेंगे और कार्यकर्ताओं से यही मिलेंगे। उनके बंगला का पता है B-8.

13 साल श्यामला हिल्स स्थित सीएम हाउस में रहे शिवराज सिंह चौहान ने अपना सामान समेट लिया है। वे अब लिंक रोड नंबर 1 स्थित 74 बंगले में रहेंगे। उनके पड़ोसी होंगे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और सांसद नंदकुमार सिंह चौहान।

चौहान जब 2005 में सांसद थे, तब उन्हें यह बंगला अलाट हुआ था। जब वे मुख्यमंत्री बने तो उन्हें सीएम हाउस अलाट हो गया था। तभी से वे श्यामला हिल्स पर रह रहे थे।

अब आभार यात्रा निकालेंगे शिवराज
इधर, शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में ऐलान किया था कि वे अब विपक्ष में बैठकर चौकीदार की भूमिका निभाएंगे। इसके बाद गुरुवार को भी उन्होंने ऐलान किया कि वे जनता का शुक्रिया अदा करने के लिए आभार रैली निकालेंगे।

यह भी है खास
-बसपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया। सभी 230 सीटों के परिणाम आने के बाद 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस को बसपा समर्थन दे रही है। हालांकि कांग्रेस के ही दो बागी विधायक दोबारा से कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं।

कांग्रेस की बनी सरकार
मध्यप्रदेश में अब कांग्रेस की सरकार है। मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होते ही कल शपथ ग्रहण समारोह हो जाएगा। इसमें नया मुख्यमंत्री शपथ लेगा। साथ ही अन्य मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जा सकती है।

MP में कांग्रेस नहीं, NOTA से हारी BJP

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक मध्य प्रदेश में 15 साल बाद भाजपा ने सत्ता गंवा दी। कांटे की लड़ाई में भाजपा को 109 और कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं। भाजपा ने हार जरूर स्वीकार कर ली, लेकिन लगातार तीन बार सत्ता में रहने के बाद केवल 5 सीटों से पीछे रह जाने का मतलब है कि भाजपा को जनता ने एकदम से नहीं नकारा था। खास बात यह है कि कई सीटें ऐसी हैं, जहां नोटा ने भाजपा का खेल बिगाड़ दिया। इन सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार को जीत मिली है, लेकिन जीत के अंतर से ज्यादा वोट नोटा पर डाले गए।