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मूंग खरीदी, लैंड पूलिंग, सोयाबीन खरीदी पर माननी पड़ी हमारी बात, जीतू पटवारी का बड़ा दावा

Jitu Patwari- पटवारी बोले- सरकार से प्रदेश का कोई भी वर्ग संतुष्ट नहीं

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Exclusive interview with MP Congress State President Jitu Patwari

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी- photo patrika

Jitu Patwari - सुनील मिश्रा, भोपाल.मध्यप्रदेश में मोहन यादव सरकार को दो साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर सीएम मोहन यादव और उनके मंत्री जहां राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाने में लगे हैं वहीं कांग्रेस बीजेपी सरकार को पूरी तरह नाकारा बताने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी का साफ कहना है कि वर्तमान सरकार से प्रदेश का कोई भी वर्ग संतुष्ट नहीं है। प्रदेश में भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहा है, उद्योगों के नाम पर पर्यटन चल रहा है, 50 प्रतिशत युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, कानून व्यवस्था फेल है। डबल इंजन सरकार भी सिर्फ दोहन के लिए है, सहयोग और समृद्धि के लिए नहीं। इतना ही नहीं, जीतू पटवारी ने बतौर विपक्षी दल, प्रदेश के विकास में कांग्रेस के योगदान का भी दावा किया। उन्होंने कहा कि मूंग खरीदी, लैंड पूलिंग, सोयाबीन खरीदी जैसे मामलों में सरकार को हमारी मांगें मानना पड़ी। बीजेपी सरकार के दो साल पूरे होने पर पत्रिका ने जीतू पटवारी से विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश-

प्रश्न- सरकार का किसान हितैषी होने का दावा कितना सही है?

उत्तर- खाद की लाइनों में पहले कभी भी कोई मौत नहीं हुई। वर्तमान में 97 प्रतिशत किसान कर्ज में हैं। सोयाबीन, धान आदि का समर्थन मूल्य नहीं मिला। मुआवजा भी किसानों को सही नहीं मिला है। बीमा कंपनियों ने मध्यप्रदेश से 7 हजार करोड़ कमाया और किसानों को सिर्फ 700 करोड़ रुपए दिए हैं। इतने किसान आंदोलन भी कभी नहीं हुए। यदि सरकार किसान हितैषी होती तो 1.46 लाख हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण क्यों करती और लैंड पूलिंग एक्ट पर यू-टर्न नहीं लेना पड़ता।

प्रश्न- सरकार ने वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाया, इससे क्या बदलाव नजर आया?

उत्तर- कोई भी सरकार या मुख्यमंत्री हो वह राज्य में उद्योग और रोजगार बढ़ाने के लिए प्रयास करता है। लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री ने निवेश सम्मेलनों को विदेशी पर्यटन का जरिया बना लिया है। सीएम की 11 दिन की विदेश यात्रा पर 34 करोड़ खर्च हुए यानी हर दिन 3 करोड़ खर्च किए। निवेश का आकलन इसी से होना चाहिए कि कितना खर्च हुआ और उसका आउटपुट क्या निकला। इस पर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। कैग की रिपोर्ट में पिछली जीआइएस के बारे में बताया गया है कि केवल 13 प्रतिशत प्रस्ताव ही धरातल पर उतरे। मुख्यमंत्री की गंभीरता का इससे भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने 30 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों की समीक्षा केवल आधा घंटे में कर ली।

प्रश्न- वर्तमान में मध्यप्रदेश कहां पिछड़ रहा है?

उत्तर- मध्यप्रदेश हर क्षेत्र में पिछड़ रहा है। हैप्पीनेस इंडेक्स से पता चलता है कि लोग कितने खुश हैं। लेकिन वर्तमान सरकार से युवा, महिला, किसान आदि कोई भी खुश नहीं हैं क्योंकि सरकार ने इन्हें डरा रखा है। 50 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं। कोई भी परीक्षा बिना विवाद के नहीं हो रही है। आइएमआर, एमएमआर और कुपोषण में प्रदेश नंबर-1 बना हुआ है।

प्रश्न- डबल इंजन सरकार का प्रदेश को क्या लाभ मिला?

प्रश्न- डबल इंजन सरकार केवल दोहन के लिए है, सहयोग और समृद्धि के लिए नहीं। केन्द्र से मध्यप्रदेश को मिलना थे 48 हजार करोड़ और मिले सिर्फ 8 हजार करोड़, इससे साफ है कि केन्द्र का सहयोग नहीं मिल रहा है। मप्र में पुलिसिंग, टेक्नोलोजी, तमाम इंडेक्स ठीक करने में केन्द्र का सहयोग नहीं मिला वह गुजरात को ही मिला।

प्रश्न- प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को आप कैसे देखते हैं?

उत्तर- जिस प्रदेश में 22 बेटियों का रोज बलात्कार होता है, मंत्रियों के भाई गांजा बेचते हुए पकड़ा गए, ड्रग्स का कारोबार सबसे ज्यादा होता है, मंत्री रेस्टोरेंट में दादागिरी दादागिरी करते हों वहां कानून व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भी कहा है कि मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था फेल है।

प्रश्न- इंदौर, भोपाल के मास्टर प्लान नहीं आने के पीछे आप क्या कारण देखते हैं?

उत्तर- इसके पीछे का कारण भाजपा नेताओं और मंत्रियों की लूट और अलग-अलग विचार हैं। मास्टर प्लान नहीं आने से बेतरतीब विकास हो रहा है। यह अवैध कॉलोनियां सरकार पर बाद में बोझ बनती हैं। खुद की जेब भरने के लिए मास्टर प्लान नहीं लाया जा रहा है, जनता से किसी को सरोकार नहीं।

प्रश्न- कांग्रेस किस तरह से प्रदेश के विकास में योगदान दे रही है?

उत्तर- चुनाव में जनता दो मेंडेट देती है, एक सत्ता में रहने का और दूसरा विपक्ष में रहने का। अभी कांग्रेस विपक्ष में है, हमारा काम है सरकार के कामकाज की निगरानी का, सरकार को आगाह करने और सही समय पर चेताने का। कांग्रेस ने पिछले दो साल में एक भी अवसर नहीं गंवाया है सरकार को घेरने का। मूंग खरीदी, लैंड पूलिंग, सोयाबीन खरीदी, पीएससी परीक्षा आदि में हमने जो मांग की वह सरकार को मानना पड़ी

प्रश्न- आप ओवरऑल सरकार का आकलन कैसे करते हैं?

उत्तर- ओवरऑल बहुत ही भ्रष्ट सरकार है जो 50 प्रतिशत की कैप को तोड़ रही है। मेरे पास यदि पॉवर होता तो सरकार को बर्खास्त कर देता।

प्रश्न- मध्यप्रदेश को आगे ले जाने के लिए क्या किया जाना चाहिए?

उत्तर- मध्यप्रदेश कृषि प्रधान प्रदेश है, सबसे ज्यादा वन और तमाम तरह के खनिज हैं। यहां पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं। उत्पादन हम कर रहे हैं और बाहर से लोग आते हैं और ले जाते हैं क्योंकि हमारे पास उनसे संबंधित उद्योग नहीं हैं। इंदौर में आइटी की असीम संभावनाएं। कृषि आधारित रोजगार पर ध्यान देने की जरूरत है। भ्रष्टाचार को कम किया जाए तो प्रदेश तेजी से आगे बढ़ सकता है।

प्रश्न- आप सरकार के दो साल को 10 में से कितने नंबर देंगे?

उत्तर- मैं सरकार को माइनस 10 नंबर दूंगा। इसमें यदि किसी को गलत लगे तो पोल करा सकते हैं, जनता बता देगी कि कितने नंबर मिलेंगे।