
पॉलिटिक्स में फैशन: टिकट की दौड़ में शामिल नेता बनवा रहे नए परिधान
भोपाल राधेश्याम दांगी की रिपोर्ट...
चुनावी मौसम ने नेताओं के परिधानों का मिजाज बदल दिया है। टिकट मांगने, प्रचार समेत हर अवसर पर पहनने के लिए हल्के रंगों वाले कपड़े सिलवाए जा रहे हैं। सफेद कुर्ता-पायजामा ट्रेंड में हैं।
स्टाइल की बात की जाए तो नेताजी को चूड़ीदार और पेंटनुमा पायजामा दोनों भा रहे हैं। राजधानी के टेलर्स बताते हैं कि गहरे रंग और कलरफुल का ट्रेंड चुनाव जीतने के बाद आएगा। कुर्ता-पायजामा हो और जैकेट न हो तो फिर बात नहीं बनती, लिहाजा कंट्रास्ट रंगों की जैकेट सिलवाई जा रही हैं।
कपड़े सिलवाने वालों में 60 प्रतिशत भाजपा, 30 प्रतिशत कांग्रेस और 10 प्रतिशत बसपा, सपा, आप सहित अन्य दलों के नेता शामिल हैं। हर एक नेता औसतन 50 जोड़ी कॉटन व लिनन के सफेद-कुर्ता पायजामा सिलवाते हैं।
अलग-अलग अंचलों के नेताओं की पसंद भोपाल
चुनाव के समय कपड़ों की मांग देखते हुए टेलर्स ने तीन महीने पहले ही तैयारी कर ली थी। अलग से मास्टर, सहित अतिरिक्त टेलर, स्टाफ, कपड़े का स्टॉक आदि बड़ा लिया था।
शौक ऐसा कि सालभर में बनवाते हैं 300 जोड़ी
विश्वास सारंग सालभर में 300 से ज्यादा जोड़ी कुर्ता-पायजामा सिलवाते हैं। उनके चूड़ीदार पायजामा की लंबाई 82 इंच होती है। विष्णु खत्री भी पीछे नहीं हंै। रामेश्वर शर्मा इंदौर में भी कपड़े सिलवाते हैं।
सुरेंद्रनाथ सिंह की पसंद पेंट-शर्ट है। उन्हें कपड़ों का शौक न के बराबर है। कांग्रेस के सुरेश पचौरी, कमलनाथ, आरिफ अकील, नासिर इस्लाम, अवनीश भार्गव समेत कई अन्य भी उम्दा कपड़ों का शौक रखते हैं।
ताकि कोई सीएम को न दे उपहार
सीएम हाउस से शहर के नामचीन टेलर्स को कड़े निर्देश हैं कि कोई कार्यकर्ता, विधायक, नेता आदि यदि मुख्यमंत्री के नाप के अनुसार कपड़े बनवाता है, तो बगैर अनुमति न सिले जाएं। वहीं दूसरी ओर मालवा के नेताओं को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर भोपाल के टेलरों के यहां कपड़े सिलवा रहे हैं।
अधिकतर जनप्रतिनिधियों की पसंद कॉटन व खादी है। मौका-दस्तूर के हिसाब से उनके ऑर्डर आते रहते हैं। एक बार में कोई 20 तो कोई 30 जोड़ी कुर्ता-पायजामा बनवाने का ऑर्डर देता है।
- शहनवाज खान, यूपी टेलर्स
चुनाव में सादगी दिखाने के लिए सफेद कुर्ता-पायजामा पहली पसंद है। कलरफुल का ट्रैंड चुनाव बाद आएगा। मालवा को छोड़कर पूरे प्रदेश के नेता भोपाल में ही कपड़े सिलवाते हैं।
- बीडी साहू, केपिटल टेलर्स
जान लें ये खास बात:मतदान के पांच दिन पहले बांटी जाएंगी फोटो वोटर पर्ची...
नवंबर 28 को होने वाले मतदान को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग कर्मचारियों से पांच दिन पहले वोटिंग पर्ची घर-घर बंटवाएगा। इनसे मतदान केंद्र पर बूथ और वोटर लिस्ट में नाम तलाशने में दिक्कत नहीं होगी।
पर्ची में फोटो होने से फर्जी मतदान पर भी रोक लगाई जा सकेगी।
मतदान के लिए 2 नवंबर से नामांकन दाखिल किए जाएंगे। एक नवंबर तक ऐसे मतदाता जो अब तक वोटर लिस्ट में नाम नहीं जुड़वा पाए हैं, वह संबंधित एसडीएम दफ्तर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
इसके लिए उन्हें बिजली का बिल, आठवीं या दसवीं की मार्कशीट की फोटो कॉपी सहित दो फोटो देना पड़ेंगे। आवेदक को बताना पड़ेगा कि वह अब तक नाम क्यों नहीं जुड़वा पाया।
एसडीएम दफ्तर में भी बनेगी हेल्प डेस्क: दो नवंबर से सी विजिल एप काम शुरू करेगा। जिस पर चुनाव से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराई जा सकती हैं। फोटो-वीडियो अपलोड कर सकते हैं। इसमें शिकायत दर्ज होने के सौ मिनट में निराकरण किया जाएगा। कलेक्टर डॉ. सुदाम खाडे ने जांच के लिए फ्लाइंग स्क्वॉड बनाई है। यह टीम विधानसभा क्षेत्र में आचार संहिता के पालन को लेकर निगरानी करेगी।

Published on:
16 Oct 2018 01:02 pm
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