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शिवराज बोले- प्रकृति के साथ प्रगति ये ही दुनिया को बचाने का मंत्र, अंधी स्पर्धा बंद हो…

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 Chief Minister Shivraj Singh Chouhan

Congress on the verge of collapse - CM Shivraj Singh Chouhan,Congress on the verge of collapse - CM Shivraj Singh Chouhan,मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी बड़ी सौगात, अब नहीं लगेगा बेटरमेंट चार्ज, जानें और कौन-कौन सी घोषणाएं कीं

Jitendra Chourasiya, भोपाल। जी-20 की थिंक-20 बैठकों का आगाज सोमवार को भोपाल मेंं हुआ। इसका शुभारंभ करते हुए भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अच्छे भविष्य के लिए पर्यावरण-संरक्षण बेहद जरूरी है। प्रकृति के साथ प्रगति हमारा मंत्र होना चाहिए। दरअसल, ये ही दुनिया को बचाने का मंत्र है। दुनिया में संघर्ष नहीं प्रेम की आवश्यकता है। जो हम से कमजोर है, उसे भी अपनाएं। अंधी प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए। यह दुर्भाग्य की बात है कि विश्व के अधिकांश संसाधनों का उपयोग चंद लोग ही करते हैं, यह पृथ्वी हम सभी के लिए है। पूरा विश्व एक परिवार है। इसी विचार को साकार करने की जरूरत है।
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राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो दिवसीय थिंक-20 का उद्धाटन किया। पर्यावरण सम्मत जीवनशैली, नैतिक मूल्य तथा सुमंगलमय युक्त वैश्विक सुशासन विषय पर यह मंथन होना है। यहां शिवराज ने कहा कि सिर्फ मीटिंग में मत रहना, घूमना-फिरना भी। शिवराज ने वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा बाताकर कहा कि यही विचार दुनिया को शांति की ओर ले जा सकता है। केवल जी-20 ही नहीं सभी देश आए और एकऐसा फोरम बने जिस पर सारे देश एक साथ इस राह पर चलें। शिवराज ने कहा कि भारत में अतिथि देवो भव: की परंपरा है। हम मेहमान को ही भगवान मानते हैं। मेहमान जान से प्यारा होता है। हम चिंतन-मनन करेंगे, इससे जो अमृत निकलेगा, वो दुनिया के काम आएगा। इस बार वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर थीम है, लेकिन ये भारत का बहुत प्राचीन विचार है। दुनिया में हमने एक नहीं, दो विश्वयुद्ध देखे। आज भी शांति नहीं है। ये धरती भगवान ने सबके लिए बनाई है। इस धरती पर हमने अलग-अलग चैंबर तो बना लिए, ये मेरा देश है, ये आपका देश है, लेकिन हम सब एक ही चेतना के अलग-अलग अंग हैं। शिवराज ने कहा कि हमारे यहां कहते हैं सियाराम मय सब जग जानी। एक ही चेतना मनुष्य मात्र में है। ये आगे बढी तो भारत ने कहा कि प्राणियों में भी यही चेतना है। इसलिए हम गाय की पूजा करते हैं। यही चेतना हमने पेड़ों पहाड़ों में मानकर उनकी पूजा करते हैं। जब हमारे यहां कोई धार्मिक कार्यक्रम होता है, तो हम दुनिया के कल्याण की कामना करते हैं। मैं सभी थिंक टेंकर्स से अनुरोध करता हूं कि हम मिलकर विचार करें। प्राकृतिक संसाधनों का हम सबने अंधाधुंध शोषण किया है। भौतिक प्रगति की चाह में प्रकृति का अंधाधुंध शोषण किया और आज हम कह रहे हैं कि पर्यावरण कैसे बचाएं। शिवराज ने कहा कि पर्यावरण केवल भाषण से नहीं बचेगा, इसके लिए मिलकर काम करना होगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने दुनिया को लाइफ का कॉन्सेप्ट दिया। ये सदी हमें धरती को समर्पित करना चाहिए। मैं रोज दिन की शुरुआत करने से पहले एक पेड़ लगाता हूं। शिवराज ने विदेशी मेहमानों को मध्यप्रदेश की खूबियां भी बताई। शिवराज ने कहा कि इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर है। भोपाल भारत की सबसे स्वच्छ राजधानी है। शिवराज ने कहा कि पीएम ने जो मंत्र दिया है, ये पृथ्वी हम सबके लिए है, यानी वन अर्थ। ये विश्व एक परिवार है। हमारे यहां एक जमाने में चीते खत्म हो गए थे। प्रधानमंत्री नामीबिया से चीते ले आए। हम चीता, टाइगर और क्रोकोडाइल स्टेट हैं। अब हम गिद्धों को बचाने का अभियान चला रहे हैं। प्रकृति में इनका योगदान है। दुनिया के 80 प्रतिशत संसाधनों का उपयोग मुट्ठी भर लोग करते हैं। ये कैसी धरती है, क्यों सबके लिए मकान न हों, साफ पानी न हो? न्यूनतम व्यवस्थाएं होनी चाहिए। अगर कोई कमजोर है, तो उसे उतना हासिल करने में मदद करो।
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भारत की लीडरशिप में काम होगा-
इंडोनेशिया सरकार के मंत्री डॉ. स्लोमन शेयोदरसना ने कहा कि 70 प्रतिशत वैश्विक जनसंख्या को कम से कम कोविड वैक्सीन की एक डोज लगनी चाहिए थी। लेकिन, कुछ देशों में सिर्फ 25 प्रतिशत डोज लग पाई है। इंडोनेशिया की सोच है कि सभी लोगों को वैक्सीन मुहैया करा पाएं। हमें भरोसा है कि भारत सरकार के नेतृत्व में एजेंडा डेवलपमेंट पर काम कर पाएंगे। इंडोनेशिया सभी देशों को वैक्सीन मुहैया कराने पर काम कर रहा है।
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विकास का विभाजन न करें-
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि भारत तभी प्रगति कर सकता है, जब उसके राज्य प्रगति करें। प्रगति की प्रक्रिया बहुत लोकल है। हमें मिलकर प्रयास करने चाहिए। विकास के लक्ष्यों के लिए ये कहना चाहता हूं कि ये नॉर्थ और साउथ जैसे किसी प्रकार का विभाजन न करें।
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ग्रीन कवर अब चिंता का विषय-

Jitendra Chourasiya, [1/16/2023 6:50 PM]
थिंक-20 चेयर और मनोहर पर्रिकर-आईडीएसए, नई दिल्ली के महानिदेशक सुजॉन चिनॉय ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छता पर बल दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को जन अभियान बनाया है। आज कम हो रहा ग्रीन कवर चिंतनीय है। पर्यावरण का संतुलन आवश्यक है। यह वैचारिक सत्र इस विषय के महत्वपूर्ण पहलुओं को सामने लायेगा।
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मप्र अब विकास के लिए अग्रसर-
मध्यप्रदेश नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश को बीमारु राज्य की श्रेणी से बाहर निकाल कर विकास के लिए अग्रसर बनाया। आज सर्व समावेशी विकास के लिए जिस मॉडल की आवश्यकता है, वो पर्यावरण सम्मत जीवनशैली से संभव है। शहरीकरण को समाज से जोडऩे, समुदाय की भागीदारी के साथ ग्रामों और नगरों के गौरव दिवस मनाने के कार्य मध्यप्रदेश में हो रहे हैं।
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