आपको बता दें कि आर्थि नुकसान झेल रहे भोपाल के इंजीनियरिंग कॉलेजेस के साथ ही प्रोफेशनल कोर्स वाले करीब 90 फीसदी कॉलेजेस में से 40 फीसदी अब तक बंद हो चुके हैं। वहीं कॉलेज संचालकों का कहना है कि यदि उनके कॉलेजेस को सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल पाई तो अगले तीन साल में ये कॉलेजेस भी बंद हो जाएंगे। इन कॉलेज संचालकों की मांग है कि शासन सिक इंडस्ट्रीज की तर्ज पर उन्हें सर्वाइवल पैकेज दे, ताकि वे आर्थिक संकट से उबर सकें।