जानकारी के अनुसार सूचना आयोग में एक अनोखी अपील आई। इसमें एक व्यक्ति की पहली पत्नी ने नगर निगम से पति की दूसरी शादी के मैरिज रजिस्ट्रेशन की प्रति मांगी थी। लेकिन निगम ने पहली पत्नी को यह कहकर सूचना देने से मना कर दिया था कि किसी की गोपनीय जानकारी नहीं दी जा सकती, चाहे वह उस व्यक्ति की पहली ही पत्नी क्यों न हो।
इससे पूर्व नगर निगम के तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी पी मौर्य से हेमा मीना ने अपने पति रामप्रकाश मीणा द्वारा की गई दूसरी शादी के मैरिज रजिस्ट्रेशन की प्रामाणिक प्रतिलिपि मांगी। इसे उन्होंने देने से इनकार कर दिया था।
जानकारी के अनुसार आयोग में अपीलकर्ता हेमा ने अपने विवाह के दस्तावेज प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि 20 अप्रैल 2007 को उनकी शादी हिंदू रीति रिवाज से रामप्रकाश के साथ हुई थी। पति ने बिना तलाक लिए भोपाल की रुचिका सलूजा से 23 अप्रैल 2015 को गैरकानूनी शादी की थी, चूंकि उनका पति सरकारी कर्मचारी है, इसलिए दूसरी शादी प्रमाणित करने के लिए उसे शादी के रजिस्ट्रेशन की प्रामाणिक प्रति चाहिए।
मुख्य सूचना आयुक्त एडी खान ने दस्तावेज देखने के बाद पाया कि दस्तावेज न मिलने से अपीलकर्ता का जीवन प्रभावित हो रहा है। उन्होंने नैतिकता के आधार पर लोक सूचना अधिकारी को मांगे दस्तावेजों की प्रामाणिक जानकारी 15 दिन में उपलब्ध करने के आदेश दिए हैं।
सूचना आयोग द्वारा महिलाओं की ऐसी 165 अपील खारीज की गई हैं जिनमें उन्होंने पति के वेतन, उसके बैंक अकाउंट, ससुराल की संपत्ति, सास, ससुर के वेतन संबंधी जानकारी मांगी है। आयोग का कहना है कि जानकारी मांगे जाने के उद्देश्य काे भी ध्यान में रखा जाता है, ताकि सूचना के अधिकार का दुरुपयोग न हो।