
atal bihari vajpayee
भोपाल। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत बेहद नाज़ुक है। एम्स (AIIMS) में उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखा गया है। एम्स की तरफ से जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार बीते 24 घंटे में उनकी हालात और बिगड़ी है। अटल बिहारी वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) की नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था। मधुमेह पीड़ित 93 वर्षीय भाजपा नेता का एक ही गुर्दा काम करता था।
हालांकि, इन सबमें डिमेंशिया से भी अटल बिहारी वाजपेयी सबसे ज्यादा पीड़ित हैं। बुधवार से ही अटल बिहारी वाजपेयी को देखने जाने वाले नेताओं का सिलसिला जारी है। गुरूवार उनसे मिलने के लिए उपराष्ट्रपति एम. वेकैया नायडू, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी अपनी बेटी प्रतिभा आडवाणी के साथ एम्स पहुंचे। इसके अलावा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भी एम्स पहुंचे। बता दें कि हालत ज्यादा बिगड़ने के कारण ग्वालियर से उनके परिवार को दिल्ली बुला लिया गया है। वहीं भोपाल शहर में भी उनकी सेहत में सुधार के लिए जगह-जगह दुआएं की जा रही हैं।
बता दें कि अटल जी ने अपने पूरे जीवन में चुनौतियों का आगे बढ़कर सामना किया है। उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अपने राजनीतिक जीवन में कविताओं से लोगों का मन मोहने वाले अटल जी की कुछ कविताएं तो दिल को छू जाती हैं। आज हम आपको उनकी ही कुछ दिल को छूने वाली कविताओं से रूबरू करा रहे हैं।
- आप दोस्त बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं।
- मैं ऐसे भारत का सपना देखता हूं जो समृद्ध और मजबूत है। ऐसा भारत जो दुनिया के महान देशों की पंक्ति में खड़ा हो।
- गरीबी बहुआयामी होती है। यह कमाई के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीतिक सहभागिता और हमारी संस्कृति व सामाजिक संगठनों के विकास पर भी असर डालती है।
- हमारे परमाणु हथियार विशुद्ध रूप से किसी विरोधी की तरफ से परमाणु हमले के डर को खत्म करने के लिए हैं।
- हकीकत यह है कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन उतने ही प्रभावी हो सकते हैं जितना उनके सदस्य उन्हें होने की अनुमति दें।
- सार्वजनिक दिखावे से शांत कूटनीति कहीं ज्यादा प्रभावी होती है।
- मेरा कवि हृदय मुझे राजनीतिक समस्याएं झेलने की ताकत देता है।
- पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंध बनाने की कोशिशें हमारी कमजोरी का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि ये शांति के लिए हमारी प्रतिबद्धता की संकेत हैं।
- अगर भारत धर्मनिरपेक्ष नहीं होता, तो भारत भारत नहीं होता।
- कोई बंदूक नहीं, केवल भाईचारा ही समस्याओं का समाधान कर सकता है।
Published on:
16 Aug 2018 03:21 pm
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