Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

7.5 लाख सरकारी कर्मचारियों और 4.5 लाख पेंशनर्स को मिलने वाली है 5 लाख रूपए तक की सौगात

Good news: मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार सरकारी कर्मचारियों को डीए के बाद अब एक और बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है..।

2 min read
Google source verification
mp cm mohan yadav

Good news: मध्यप्रदेश के करीब 7.5 लाख सरकारी कर्मचारी और करीब 4.5 लाख पेंशनर्स के लिए एक अच्छी खबर है। मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार जल्द ही सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को आयुष्मान योजना का लाभ दे सकती है। इस संबंध में अधिकारियों ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है जिसे प्रमुख सचिव की अनुमति के बाद केबिनेट में भेजा जाएगा। बता दें कि कर्मचारी संगठन लंबे समय से आयुष्मान योजना का लाभ सरकारी कर्मचारियों को देने की मांग कर रहे हैं।

नए साल से पहले मिल सकती है सौगात

उम्मीद जताई जा रही है कि अगली केबिनेट बैठक में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को आयुष्मान योजना का लाभ देने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है और सरकार नए साल से पहले कर्मचारियों और पेंशनर्स को इसकी सौगात दे सकती है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के तृतीय, चतुर्थ और स्थाई कर्मचारियों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने को लेकर प्रस्ताव तैयार हो गया है। सरकार से हरी झंडी मिलते ही इसे मध्यप्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। इससे प्रदेश के करीब 12 लाख सरकारी कर्मचारी व पेंशनर्स किसी भी अस्पताल में 5 लाख रुपये तक का फ्री इलाज करा सकेंगे।


यह भी पढ़ें- एमपी का बदलेगा नक्शा..निमाड़ बन सकता है नया संभाग, ये जिले होंगे शामिल !

अभी इलाज के लिए है ये व्यवस्था

बता दें कि अभी मध्य प्रदेश में बीमार सरकारी कर्मचारियों को मेडिकल रिमेम्बर्स की सुविधा मिल रही है। जिसके तहत सरकारी कर्मचारी के बीमार होने पर निजी अस्पाल में भर्ती होने पर अस्पताल में खर्च होने वाला पैसा और राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है। लेकिन इसकी प्रक्रिया काफी लंबी है। कर्मचारी को पहले भुगतान के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित कमेटी से अनुमोदन लेना होता है और कई बार खर्च पैसा पाने के लिए लंबा इंतजार भी करना पड़ता है। आयुष्मान योजना के सीईओ डॉ. योगेश भरसट ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों को आयुष्मान योजना से जोड़कर उन्हें 5 लाख रुपए तक फ्री इलाज देने की तैयारी है। प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भेजा गया है, स्वीकृति मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।


यह भी पढ़ें- कौन होगा एमपी बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ? ये हैं मजबूत दावेदार..