
Veda scheme: स्कूल छोड़ने वाले बच्चों (school dropouts) के लिए सरकार वेद पढ़ाकर नौकरी दिलाएगी। इस शिक्षा के आधार पर वे कारखाना भी लगा सकेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश के तीन जिलों में वोकेशनल एजुकेशन फॉर ड्रॉप आउट (Veda) की शुरुआत करने जा रहा है। पहले चरण में करीब 1200 स्टूडेंट होंगे।
मप्र राज्य ओपन बोर्ड इसका संचालन करेगा। वोकेशनल एजुकेशन को राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अनिवार्य किया गया है। जिसे आधार बनाते हुए वेद की पढ़ाई को शुरू किया जाएगा। इसमें बच्चों को आठ तरह के स्किल सिखाएं जाएंगे। साथ ही दसवीं के समकक्ष पढ़ाई कराई जाएगी। प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्रों उज्जैन जिले में उज्जैन दक्षिण, नरसिंहपुर में गाडरवारा और राजगढ़ में सारंगपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा। तीन सेंटर यहां पर खोले जाएंगे। यहां जून से बच्चों का एडमिशन होगा।
तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव रघुराम राजेन्द्रन का यह कॉन्सेप्ट है। राज्य ओपन बोर्ड इसका संचालन करेगा। सहयोगी संस्थान के रूप में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल डेवलपमेंट और पंडित सुंदर लाल शर्मा वोकेशनल इंस्टीट्यूट के साथ अनुबंध किया गया है।
'वेद' योजना में दो साल का पाठ्यक्रम होगा। इसमें प्लंबिंग, इलेक्ट्रिकल रिपेयरिंग, फैब्रिक डिजाइनिंग, रेफ्रिजरेशन, एयर कंडीशनिंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स रिपेयरिंग जैसे ट्रेड होंगे। हिंदी और संस्कृत शिक्षा का मुख्य माध्यम होगी। तीसरे विषय के रूप में अंग्रेजी शामिल है। प्रैक्टिकल के लिए आठ प्रयोगशालाएं होंगी। आइआइटी के स्तर के ट्रेंड की स्थापना की जाना है।
तकनीकी शिक्षा का यह एक मॉडल है। वोकेशन एजुकेशन फॉर ड्रॉप आउट (वेद) में बच्चों को तकनीकी शिक्षा दी जाएगी। प्रदेश के तीन जिलों में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरुआत होगी। दो साल के इस कोर्स के बाद स्टूडेंट जॉब करने के साथ कारखाना तक लगा सकता है। इसमें संस्थान अपना सेटअप तैयार करेगा।- पीआर तिवारी, संचालक राज्य ओपन बोर्ड
Updated on:
04 May 2025 10:54 am
Published on:
04 May 2025 10:51 am
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