
भोपाल। भाजपा सरकार अब किसानों को खुश करने की तैयारी कर रही है। उनकी उपज का ज्यादा से ज्यादा मूल्य देने की कवायद के बीच उसने नई योजना पर भी काम करना शुरू कर दिया है। सरकार अब किसानों को गौ-पालन के लिए प्रोत्साहन देने वाली है। इसके जरिए सरकार किसानों से गौमूत्र खरीदेगी। वह भी पांच रुपए लीटर के हिसाब से। इससे किसानों को फायदा होगा, साथ ही गौ हत्या रुकेगी वहीं गाय के दूध के साथ ही उसके गोबर से बने उत्पाद को भी बढ़ावा मिलेगा। इधर, पिछले साल मोदी सरकार पंचगव्य के अध्ययन के लिए कमेटी बना चुकी है।
खबरों के मुताबिक गौ हत्या और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश की सरकार अब नई योजना पर काम कर रही है। सरकार ने भी इस योजना को सैद्धांतिक सहमति दे दी है।
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आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ ने सरकार को एक अलग हटकर प्रस्ताव दिया है। यदि इस प्रस्ताव को पूरी तरह से मंजूरी मिल जाएगी तो गौ हत्या कम हो जाएगी और लोग गायों से अच्छा व्यवहार करने लगेंगे। उन्हें पालेंगे और अपना व्यवसाय भी बढ़ा सकेंगे। दूसरी ओर सूत्रों के मताबिक सरकार पर दो लाख करोड़ का कर्ज है। ऐसे में संघ का प्रस्ताव सरकारी तिजोरी पर भारी पड़ सकता है। खबरों के अनुसार सरकार ने इस प्रस्ताव पर अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
5 रुपए लीटर में खरीदेगी गौ मूत्र
भारतीय किसान संघ ने गौ मूत्र को 5 रुपए लीटर में खरीदने का प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही दूध की कीमत 42 रुपए लीटर लगाई गई है। आरएसएस से जुड़े इस संगठन के सुझाव पर बीजेपी शासित राज्यों में मंथन शुरू हो गया है। संघ के इस प्रस्ताव पर सरकार ने भी सैद्धांति सहमति दे दी है। संगठन का दावा है कि इससे गौ हत्या रुकेगी और रोजगार भी बढ़ेगा।
भाजपा बोली- दवाई में होगा इसका उपयोग
भाजपा प्रवक्ता राहुल कोठारी कहते हैं कि प्रदेश सरकार के पास लघु वनोपज संघ जैसे की प्रकल्प हैं, जिसमें गौ मूत्र का उपयोग दवाई से लेकर दूसरे काम में भी किया जा सकता है। RSS से जुड़े संगठन जनता के बीच लगातार काम करते हैं।
विरोध में आई कांग्रेस
इधर कांग्रेस की प्रवक्ता दीप्ति सिंह कहती हैं की गौ-मूत्र को बहुत पवित्र माना गया है, लेकिन सरकार हर चीज में भ्रष्टाचार ही करती है। गौ-पालन से लेकर भगवान की पूजा, नर्मदा परिक्रमा में भ्रष्टाचार है। सरकार कर्ज में डूबी हुई है, वो 5 रुपए लीटर में दूध को कैसे खरीदेगी।
यह भी है खास
-भारतीय किसान संघ का प्रस्ताव है कि सरकार 2-3 तहसीलों में डेयरी प्लांट लगाए।
-उस प्लांट में गौमूत्र से बने कीटनाशक और गोबर की खाद से ऑर्गेनिक फसल उगाई जाए।
-इससे मिट्टी की उवर्रता बनी रहेगी और किसानों को भी काफी फायदा होगा।
कितना फायदेमंद है गौपालन
-जिन गायों को किसानों और गौपालकों ने अनुपयोगी समझकर लावारिस छोड़ दिया है, अब लोग इसे भूखा-प्यासा नहीं छोड़ेंगे। लोग गायों को पालेंगे और उससे आय भी करना पसंद करेंगे।
-गायों के गोबर और गौमूत्र से केंचुआ खाद, नेचुरल खाद और धूपबत्ती बनाई जाती है।
-गौमूत्र से केमिकल रहित गोनाइल और कीटनाशक दवाइयां मच्छर भगाने की धूपबत्ती तैयार की जाती है। कीटनाशक दवाइयां खेती और बागवानी के लिए बेहद उपयोगी हैं। इससे करीब 3 लाख रुपए का आर्थिक लाभ होता है।
हिन्दू धर्म में है पंचगव्य का महत्व
हिन्दू धर्म में गौ-मूत्र और गोबर का उपयोग पंचगव्य में अहम माना गया है। गौमूत्र के पीने से मनुष्य के सभी दोष दूर हो जाते हैं।
धूपबत्ती है फायदेमंद
गौशाला में बनाई जाने वाली धूपबत्ती में गाय का गोबर, लाल चंदन, नागरमोथा, जटामासी, कपूर काचरी, गौमूत्र और देशी घी डाला जाता है। इन्हें मिलाने के बाद इसे आकार दिया जाता है।
फिनॉइल से अच्छा है गोनाइल
गोनाइल के लिए गाय और बछियाओं का गौमूत्र एकत्रित किया जाता है। इसमें चीड़ और नीम का तेल मिलाया जाता है। इससे जहां भी पोछा लगाया जाता है वहां के कीटाणु खत्म हो जाते हैं।
मच्छर भगाने वाली दवा
गौमूत्र में जामारोजा, तुलसी, नीमगिरी, चीड़ का तेल, कपूर तेल, नीम तेल, नागरमोथा, मैदा लकड़ी, रोहतक लकड़ी और गोबर को मिलकर धूपबत्ती बनाई जाती है। इसके जलाने से घर में सुगंध तो फैलती ही है मच्छर भी भाग जाते हैं।
ताजे गोबर से बन रही गोबर गैस
गाय के ताजे गोबर से कुछ स्थानों पर सबसे बड़े गोबर गैस प्लांट से गैस तैयार की जाती है। इस गैस से करीब 200 लोगों का भोजन तैयार हो जाता है।
मोदी सरकार ने बनाई कमेटी
पिछले साल मई में केंद्र की मोदी सरकार भी गाय से मिलने वाले उत्पाद के फायदे के लिए नेशनल स्टीयरिंग कमेटी का गठन कर चुकी है। यह कमेटी बकायदा विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय ने पंचगव्य के महत्व के अध्ययन के लिए बनाई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता में बनी यह समिति गायों से मिलने वाले उत्पादों से होने वाले फायदे की टेस्टिंग करेगी।
-पंचगव्य गाय से मिलने वाले गोबर, गोमूत्र, दूध, दही, गाय का घी, पानी सहित तीन अन्य पदार्थों को मिलाकर बनता है।
-मंत्रालय के मुताबिक यह समिति पंचगव्य के लाभों में वैज्ञानिक शोध और उसकी पुष्टि करे।
Published on:
11 Apr 2018 02:47 pm
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