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राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता : हस्तशिल्पी मोहम्मद उमर फारूख खत्री ने इजाद किया नया प्रिंट

जापानी शिबोरी पर बाग के छापे लगाकर तैयार किया इंडो-जापान प्रिंट ‘बागीगो’

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भोपाल। इंडिया और जापान की मारूति सुजुकी कार की जोड़ी तो जग जाहिर रहा है लेकिन अब भारत और जापान के बीच अब एक नया रिश्ता फैब्रिक और डिजायन को लेकर बनने जा रहा है। इस रिश्ते को नया नाम दिया है बाग प्रिंट को लेकर देशभर में अपनी कला का प्रदर्शन करने वाले बाग के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हस्तशिल्पी मोहम्मद उमर फारूख खत्री ने।

उमर बाग प्रिंट के जनक मो. इस्माइल खत्री के बेटे हैं। उमर ने जापान के शिबोरी प्रिंट पर बाग के छापे लगाकर डिजायन तैयार किया और उसे बागीगो नाम दिया है। हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास की ओर से गौहर महल में आयोजित बाग उत्सव में वे यह बागीगो प्रिंट लेकर आए हैं। पत्रिका प्लस से हुई बातचीत में खत्री बताते हैं इस प्रिंट के लिए वो पिछले करीब 2 सालों से मेहनत कर रहे थे, 4 महीने पहले ही यह प्रिंट तैयार हो सका है।

फेसबुक पर प्रशंसको ने बताया

खत्री बताते हैं एक बार इनोवेशन के दौरान एक प्रिंट का डिजाइन तैयार कर उसे फेसबुक पर अपलोड किया। डिजाइन को देखते ही दुनिया भर के प्रशंसकों ने इसकी तारीफ करते हुए बताया कि बैकग्राउंड का प्रिंट जापान के शिबोरी प्रिंट से मिलता-जुलता है। फिर उमर ने इसके बारे में रिसर्च की और जापानी शिबोरी प्रिंट को ही अपने नए प्रिंट के लिए उपयोग किया।

अमेरिकन ने किया था ‘बागीगो’नामकरण

खत्री ने बताया कि एक बार अमेरिका के जॉन स्वाइन उनकी कला देखने बाग पहुंचे थे इस दौरान उन्हें बाग और शिबोरी का यह काम्बिनेशन बहुत पसंद आया। इसे देखने के बाद उनके मुंह से निकला बागीगो... बस इसके बाद मैंने अपने इस नए प्रिंट को यही नाम दे दिया। अब हम इस प्रिंट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना चाहते हैं। उमर फारुख खत्री के कुछ और भी इनोवेशंस हैं। उन्होंने पहली बार बैम्बू मैट पर भी बाग प्रिंट किया है। वहीं बाग प्रिंट में इंडिगो लीफ और चूने से नेचुरल इंडिगो कलर तैयार किया है और कॉटन की बजाय तरह-तरह के कपड़ों पर बाग प्रिंट को लाने की पहल की है।

नाटक ‘बसंत बहार’का मंचन 4 को

भोपाल में संस्कृति संचालनालय के सहयोग से प्रेरणा संस्था शहीद भवन में 4 मई को नाटक ‘बसंत बहार’का मंचन किया जाएगा। प्रस्तुति शाम 7 बजे से शुरू होगी। इसका लेखन मनोज सुल्तानपुरी ने किया है। जिसका निर्देशन बालेंद्र सिंह करेंगे। संगीत रविलाल सांगड़े का होगा। इसे हम थियेटर ग्रुप के कलाकार पेश करेंगे।