
Hassles related to maps and properties ends in 413 cities of MP- image- social media
Maps and properties - मध्यप्रदेश में जमीनों, मकानों के नक्शे, संपत्तियों में आनेवाली झंझटें खत्म कर दी गई हैं। प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनी रिकॉर्ड, संपत्तियों का प्रबंधन और विकास योजनाओं को बेहतर बनाने के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली यानि GIS सर्वे और मानचित्रण का उपयोग किया जा रहा है। सरकार का दावा है कि प्रदेश के 413 शहरों में यह काम पूरा कर लिया गया है।
जीआइएस सर्वे के तहत ड्रोन सहित विभिन्न तकनीकों के इस्तेमाल से जमीनी सर्वेक्षण किया गया और डिजिटल मानचित्र बनाए गए हैं। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि नगरीय निकायों की कार्य दक्षता में भी वृद्धि होगी।
GIS सर्वे से संपत्ति के मालिक, कर प्रणाली और भूमि उपयोग की जानकारी एक क्लिक से मिल सकेगी। इससे जहां पारदर्शिता में वृद्धि होगी वहीं जमीन से संबंधित लेनदेन भी सरल हो गया है। GIS डेटा के इस्तेमाल से शहरी नियोजन और विकास योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा।
लैंड रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने "नक्शा" अभियान शुरू किया। केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट में "नक्शा" कार्यक्रम में प्रदेश के शहरों को भी शामिल किया गया। इससे शहरों में संपत्ति के सटीक रिकॉर्ड बनाने और भू प्रबंधन को बेहतर बनाने में खासी मदद मिलेगी।
संपत्ति कर प्रणाली का पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए शहरी सुधार योजना प्रारंभ की गई है। सरकार का दावा है कि
169 नगरीय निकायों में संभूति आधारित प्री प्रविष्टि लेखा प्रणाली पूरी हो चुकी है जबकि 44 निकायों में कार्य चल रहा है। प्रदेश के 413 निकायों में पारिवारिक सर्वे और मानचित्रण का काम पूरा हो गया है। 294 निकायों में संपत्ति सर्वे का काम पूरा हो गया है। प्रदेश के 15 नगर निगम में भी यह कार्यक्रम चल रहा है। इनमें से 9 में काम पूरा हो गया है जबकि 6 नगर निगमों में काम चल रहा है।
Updated on:
27 Jun 2025 03:47 pm
Published on:
27 Jun 2025 03:20 pm
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