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अस्थियां लेने आए परिजनों को श्मशान में गुजारनी पड़ती है रात

भोपाल के बाहर से आने वाले परिजनों का दर्द, कोरोना कर्फ्यू के चलते होटल लॉज बंद होने से परेशानी

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भोपाल.कोरोना संक्रमण ने जीवन का ताना बाना छिन्न-भिन्‍न कर दिया हैं। इस महामारी में कई लोगों ने अपने चहेतों को खोया हे। श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार के लिए लंबी कतार लग रही हैं। दाह संस्कार के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। आलम यह है कि कई परिजनों को मृतक के अंतिम संस्कार के बाद अस्थि संचय के लिए विश्राम घाट में ही रात गुजारनी पड़ रही है।

भोपाल के भदभदा विश्राम घाट में इन दिनों सबसे अधिक अंतिम संस्कार हो रहे हैं। यहां भोपाल के बाहर से आने वाले कई कोरोना संक्रमित मृतकों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया जा रहा हैं। अंतिम संस्कार की संख्या अधिक होने के कारण यहां परिजनों को इंतजार भी करना पड़ता है। इसके बाद अस्थियां संचय के लिए बाहर से आने वाले परिजन विश्राम घाट में ही रात गुजार रहे हें, क्योंकि कोरोना कर्फ्यू के कारण आवागमन बंद हैं, दूसरी ओर शहर में भी लॉज, होटल आदि बंद हैं। इस स्थिति में बाहर से आने वाले लोगों को रुकने के लिए जगह नहीं मिल रही है। ऐसे में कई लोग श्मशान घाट में ही रात गुज़ार रहे हैं।

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कई संस्थाएं कर रही है मदद
ऐसे में विश्रामघाटों पर मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कई संस्थाओं और समाजसेवियों ने जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई है, ताकि यहां लोगों को परेशानी न हो। इसके लिए माहेश्वरी समाज दक्षिणांचल और माहेश्वरी महिला मंडल दक्षिणांचल की ओर से विश्राम के लिए 50 गद्दे और 100 चादर उपलब्ध कराई हैं। इसी प्रकार अनिल राठी की ओर से 7100 पानी की बोतल, रितेश जैन की ओर से 10 दरी ओर सुरेश लाहोटी की ओर से किराने के सामान की सेवा की गई हैँ। विश्राम घाट समिति के अध्यक्ष अरुण चोधरी का कहना है कि कई संस्थाएं इसमें सहयोग कर रही हैं।

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विश्राम घाट समिति भी कर रही है सेवा
भवभदा विश्राम घाट के सचिव ममतेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश से कई कोरोना संक्रमित मरीज विमिन्‍न कोविड सेंटरों में इलाज कराने आ रहे हैं। उनमें से कुछ की मृत्यु हो जाती है। कोविड प्रोटोकॉल के तहत इन मृतकों का दाह संस्कार भोपाल में ही होता है। ऐसे में दाह संस्कार के बाद परिजन रात्रि विश्राम भी भदभदा परिसर के सभागार में ही करते हैं, ताकि वे अगले दिन अस्थियां संचय करने के बाद अपने घरों की ओर निकल सकें। भदभदा प्रबंधन अपनी सामाजिक जिम्मेदारी मानते हुए सुबह चाय, पानी, स्वल्पाहर और भोजन की व्यवस्था इन परिजनों के लिए परिसर में ही कर रहा है।