
(फोटो सोर्स: AI Image)
MP News: मध्यप्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी पूरी नहीं हो पा रही है। बॉण्डेड डॉक्टरों की पदस्थापना से जागी उम्मीद भी धूमिल हो रही है। स्वास्थ्य विभाग ने अनिवार्य बंधपत्र सेवा के तहत सभी सरकारी, निजी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस और पीजी कर निकले ढाई हजार से ज्यादा डॉक्टरों की नियुक्ति की थी। इनमें से 10% ने ही जॉइन किया है। जॉइन नहीं करने वालों को विभाग नोटिस देने की तैयारी कर रहा है।
विभाग ने एमबीबीएस वाले 1977 और पीजी वाले 876 डॉक्टरों की पदस्थापना के आदेश जारी किए थे। जून के आखिरी सप्ताह में जारी आदेश में 15 दिन में जॉइन करने को कहा गया था। तब से लगभग 280 डॉक्टरों ने ही जॉइन किया है। इनमें उन्हीं डॉक्टरों ने जॉइन किया है जिन्हें जिला अस्पताल या शहरों से लगे अस्पताल मिले।
ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में नियुक्त ज्यादातर डॉक्टरों ने जॉइन नहीं किया। यूजी वालों ने पीजी करने का बहाना बनाया है तो कुछ बॉण्ड की राशि भरने की बात कह रहे हैं। विभाग अब तय शर्तों के अनुसार कानूनी कार्रवाई की तैयारी में है। जॉइन नहीं करने वाले डॉक्टरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा।
विभाग ने ऑनलाइन काउंसिलिंग में च्वाइस भरवाकर नियुक्तियां कीं। जिन्होंने काउंसिलिंग में भाग नहीं लिया, उन्हें जहां पद रिक्त थे वहां नियुक्ति दी गई। एक से लेकर पांच साल तक के लिए जिला अस्पतालों, सीएच, सीएचसी और पीएचसी में नियुक्तियां की गईं।
बॉण्ड भरने के बावजूद अधिकांश डॉक्टर जॉइन नहीं कर रहे हैं। अब तय शर्तों के अनुसार कार्रवाई के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।-राजेन्द्र शुक्ल, डिप्टी सीएम
Published on:
23 Jul 2025 11:03 am
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