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Heart Attack: डीजे पर डांस कर रहा था समर, अचानक हार्ट अटैक से मौत, बिलख उठा परिवार

Bhopal News: समर नाचते हुए अचानक बेहोश हो गया वहां मौजूद बाकी लोग नाचते रहे....

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Heart Attack

Heart Attack

Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी से रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है। बीते दिनों दुर्गापूजा विसर्जन के दौरान बज रहे डीजे की तेज आवाज की वजह से एक 13 साल के बच्चे की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि बच्चा चल समारोह में डीजे पर डांस करते-करते बेहोश हो गया।

बच्चे के बड़े भाई अमन बिल्लौरे का आरोप है कि उसे पहले से कोई बीमारी नहीं थी। मौके पर पुलिस के साथ-साथ प्रशासन और परिवार के लोग भी मौजूद थे लेकिन इस शोर के आगे सभी बेबस नजर आए। समर के परिवार में मातम पसर गया। समर को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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ये है पूरा मामला

पूरी घटना 14 अक्टूबर की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि समर बिल्लौरे के घर के बाहर विसर्जन के लिए चल समारोह निकल रहा था। चल समारोह में लोग डीजे पर नाच रहे थे, इसी बीच समर भी चल समारोह में शामिल होकर वहां नाचने लगा। नाचते हुए वह अचानक बेहोश हो गया वहां मौजूद बाकी लोग नाचते रहे। समर की मां मदद के लिए चिल्लाती रही लेकिन डीजे वाले से डीजे बंद नहीं किया। वहां से परिजन समर को अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी।

दिल और दिमाग को भी नुकसान पहुंचाती आवाज

कान को अधिकतम 80 डेसीबल की आवाज ही सुननी चाहिए। इससे तेज आवाज कान के परदे के साथ ही दिल और दिमाग को भी नुकसान पहुंचाती है। फेस्टिव सीजन में डीजे और पटाखों के शोर से मनोरोग, दिल की बीमारी, सिर दर्द जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। 150 डेसीबल का शोर सेंसरी न्यूयरल हियरिंग लॉस का कारण बनता है।

शोर का यह है मानक

कानों के लिए 65 से 70 डेसीबल तक की आवाज सामान्य है। 90 डेसीबल से अधिक आवाज में ज्यादा समय तक रहने से नकारात्मक असर पड़ता है। जबकि, डीजे की ध्वनि 180 डेसीमल और इससे भी अधिक होती है। यह बच्चों, बुजुर्गों और दिल के रोगियों के लिए घातक होती है।

डब्ल्यूएचओ: 70 करोड़ को सुनने की समस्या

डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनियाभर में कुल आबादी के 5 फीसदी लोग यानी लगभग 43 करोड़ सुनने की समस्या से ग्रसित हैं। 2050 तक यह संख्या 70 करोड़ तक जा सकती है।